उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए जहां डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लगातार सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इसके इतर कानपुर देहात के सरकारी अस्पताल में भ्रष्टाचार का एक नया मामला सामने आया है। यहां व्हील चेयर के नाम पर मरीज से 500 रुपए की मांग की गई है।

कानपुर देहात के रनिया क्षेत्र की वंदना अपनी बुआ को डॉक्टर से दिखाने के लिए जिला अस्पताल आईं थीं। चिकित्सक ने उन्हें एडमिट करने की सलाह दी थी। मरीज चलने-फिरने में असहाय थी। वंदना ने जब अपनी बुआ को वार्ड में ले जाने के लिए चतुर्थ श्रेणी के कमर्चारियों से गुहार लगाई तो मरीज को वार्ड तक ले जाने के लिए 500 रुपए की मांग करने लगे। तीमारदार ने इसका विरोध किया। और यह जानकारी स्टाफ नर्स को दी। आरोप है कि नर्स ने कहा कि अगर मरीज के लिए व्हीलचेयर चाहिए तो वह खुद लेकर आना होगा।

तीमरादार वंदना ने बताया कि अस्पताल में सैंपल लिए जा रहे थे। हम अपनी बुआ को लेकर आए थे। मेरी बुआ यहां आधा घंटे तक खड़ी रहीं। उसके बाद मैंने अस्पताल की एक मैडम से कहा कि अगर कोई कर्मचारी हो तो उसको बुला दीजिए। ये चल नहीं पाती हैं, तो आकर इनको ले जाएं। मैडम ने मुझसे कहा कि आपका मरीज है, आप इनको चेयर में बैठाकर ले जाइए। इसके बाद वंदना ने मैडम से कहा कि यहां पर ये कर्मचारी किस लिए हैं। हम चेयर लेकर वहां जाएंगे। इतनी बात पर मैडम मुझसे बहस करने लगीं। और कहने लगीं कि मरीज आपका है, आप लेकर जाइए, यहां कोई कर्मचारी नहीं है। इसके बाद मुझसे कहा गया कि 500 रुपए दीजिए, तब व्हीलचेयर में मरीज को लेकर जाएंगे।’

इस पूरे प्रकरण पर जिला अस्पताल की चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट वंदना सिंह ने कहा, ‘किसी भी मरीज से पैसे न मांगे जाएं। अस्पताल में रहने तक उन्हें व्हीलचेयर और स्ट्रेचर उपलब्ध कराई जाए। किसी तरह की शिकायत आने पर वह नोटिस जारी करेंगी और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बता दें, अस्पताल में इलाज के लिए जहां एक रुपए का पर्चा कटता है। वहीं व्हीलचेयर के लिए यह रकम वसूली जा रही है। जहां एक ओर सरकार इलाज का दावा करती है। वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्यकर्मी सरकारी योजनाएं की धज्जियां उड़ा रहे हैं।