उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेशानुसार दागी अफसरों पर कार्रवाई जारी है। ताजा मामला कानपुर से आया है, जहां पुलिस की छवि धूमिल करने वाले चार दरोगाओं समेत 29 पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिवृत्त कर दिया गया। इसमें सात पुलिसकर्मी कानपुर नगर के शामिल हैं, जबकि बाकी कानपुर रेंज (कानपुर देहात, औरैया, इटावा, फतेहगढ़, कन्नौज) के हैं। सेवानिवृत्त किए गए पुलिसकर्मियों को तीन माह का वेतन देकर नौकरी से छुट्टी दे दी गई है।
National Hindi News, 11 July 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
क्या है मामला: दरअसल, सीएम योगी ने सरकारी कर्मचारियों के कथित भ्रष्ट आचरण पर रोक लगाने हेतु एक आदेश दिया था कि जो भी कर्मचारी भ्रष्टाचार, घूसखोरी या काम न करने जैसी छवि के साथ ड्यूटी पर होगा उसे जबरन सेवानिवृत्त कर दिया जाए। इसके बाद जबरन सेवानिवृत्ति के लिए शासन के आदेश के बाद पुलिस महकमे के लिए आईजी मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी। जिसने गुरूवार को कानपुर देहात के सात, इटावा, औरैया और कन्नौज से चार-चार व फतेहगढ़ के तीन पुलिसकर्मियों को पुलिस की छवि धूमिल करने पर जबरन सेवानिवृत्त किया गया। जबरन रिटायर किए गए पुलिस कर्मियों की रिपोर्ट डीजीपी कार्यालय भेजी जाएगी।
बताया जा रहा कि पुलिस की इस स्क्रीनिंग कमेटी में एसएसपी अनंत देव व एसपी कन्नौज अमरेंद्र प्रसाद सिंह सदस्य के रूप में शामिल थे। इस कमेटी ने कानपुर रेंज से शासन को दागी पुलिसकर्मियों की एक रिपोर्ट भेजी थी। जिसके बाद शासन से आदेश मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई। इसमें ड्यूटी से गैरहाजिर रहने वाले, भ्रष्टाचारी, घूसखोर, काम न करने वाले पुलिसकर्मी शामिल बताए जा रहे हैं। कानपुर नगर से सेवानिवृत्त किए गए पुलिसकर्मियों में एलआईयू के हेड कांस्टेबल उदय प्रताप, सिपाही उदयवीर सिंह, केशव सिंह भदौरिया, समरपाल, बनमाली, जगदीश सिंह, संतराम यादव शामिल हैं।