यूपी की राजनीति में हलचल मचा रहे कैराना मामले पर अब बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायवती ने अपनी बात कही है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले के जरिए बीजेपी राजनीतिक फायदा लेना चाहती है। उन्होंने फिर से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देने की मांग भी की। इसके साथ ही उन्होने आरोप लगाया कि बीजेपी राज्यसभा चुनाव में हारने के बाद सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ना चाहती है। मायावती ने कहा, ‘यह सोची समझी साजिश है। कैराना का मामला चुनाव को ध्यान में रखकर उठाया गया था। इसमें दिखाने की कोशिश की गई की मुस्लिम लोग हिंदुओं को घर छोड़ने को मजबूर कर रहे हैं। ‘
उन्होंने आगे कहा कि राज्य के 50 जिलों में सूखे की वजह से पलायन हुआ है। इस सबका जिम्मेदार मायावती ने केंद्र सरकार को ठहराया। वहीं पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘वह सपा और बसपा की जुगलबंदी की बात कर रहे थे जो की बिल्कुल गलत है। पुलिस भर्ती में घोटाले, सीएम फंड में घोटाले को मेरी सरकार ने ही उजागर किया था। मोदी ऐसी बातें बोलकर सपा और अपने मेल-जोल को लोगों से छिपाना चाहते हैं।’
मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने दो साल के कार्यकाल में एक चौथाई भी काम नहीं किया। मायावती ने आगे कहा कि असम में सत्ता आने पर, और दो साल पूरे होने पर जनता का अरबों रुपए बीजेपी ने अपने प्रचार-प्रसार के लिये बर्बाद किए। जबकि वह धन सूखाग्रस्त इलाकों में लग सकता था। माया ने कहा कि बीजेपी ने राज्यसभा चुनावों के बाद इलाहाबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक यूपी चुनावों के मद्देनजर की है।
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इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने भी बीजेपी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि भाजपा दंगा करवाना चाहती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में दंगे का प्लान भी बनाया गया है।