मध्य प्रदेश की नवनियुक्त मंत्री इमरती देवी ने कहा कि कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके नेता नहीं, बल्कि भगवान हैं, जिनकी वे पूजा करती हैं। कमलनाथ मंत्रिमंडल का मंगलवार को गठन हो गया। नवनियुक्त अधिकांश मंत्री तमाम बड़े नेताओं के समर्थकों के तौर पर पहचाने जाते हैं। यही कारण है कि इन मंत्रियों में अपने अपने नेताओं के प्रति निष्ठा कहीं ज्यादा है। नवनियुक्त मंत्री इमरती देवी का बयान इसकी पुष्टि भी करता है।
इमरती देवी ने मंत्री पद की शपथ लेने के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, “सिंधिया मेरे नेता नहीं, बल्कि भगवान हैं। मैं उनकी पूजा करती हूं। कांग्रेस में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है, सभी कांग्रेस के लिए हैं, और सभी ने मिलकर चुनाव लड़ा था।”
इमरती देवी की गिनती सिंधिया गुट के मंत्री के तौर पर होती है। इमरती देवी को सिंधिया गुट की माने जाने से कोई ऐतराज नहीं है। उनका कहना है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है, महिलाओं पर होने वाले अपराध पर रोक लगाने के अलावा नौजवानों को रोजगार देने के प्रयास किए जाएंगे।
गौरतलब है कि बीते दिन 25 दिसंबर को ही कमलनाथ के मंत्रीमंडल का विस्तार हुआ है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल के 28 सदस्यों ने मंगलवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के बगीचे में आयोजित हुआ। राज्यपाल ने विजय लक्ष्मी साधो, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, डॉ. गोविंद सिंह, बाला बच्चन, आरिफ अकील, बृजेंद्र िंसह राठौर, प्रदीप जायसवाल, लाखन सिंह यादव, तुलसी सिलावट, गोविंद राजपूत, इमरती देवी, ओमकार सिंह मरकाम, प्रभुराम चौधरी, प्रियव्रत सिंह, सुखदेव पांसे, उमंग सिंघार, हर्ष यादव, जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, महेंद्र सिसौदिया, पी.सी. शर्मा, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सचिन यादव, सुरेंद्र सिंह बघेल व तरुण भनोट को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
कमलनाथ के मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन पर पूरा ध्यान दिया गया है। मंत्रिमंडल में प्रदेश के तीनों बड़े नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन वाले विधायकों को जगह दी गई है। खास बाद यह कि प्रदेश की सरकार में 15 साल बाद एक मुस्लिम चेहरा आरिफ अकील को जगह मिली है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तभी से मंत्रिमंडल के गठन की कोशिशें जारी थीं। आपसी सहमति के बाद मंगलवार को मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण हो पाया। नवगठित मंत्रिमंडल में कांग्रेस के गुटीय संतुलन के साथ क्षेत्रीय संतुलन का भी ध्यान रखने की कोशिश की गई है। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने किया। इस समारोह में कांग्रेस के कई बड़े नेता मौजूद रहे।