उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में गुरुवार को एक पत्रकार की हत्या कर दी गई। घटना बिल्हौर कस्बे से जुड़ी हुई है, जहां अज्ञात बाइक सवार चालकों ने पत्रकार को गोली मारी। नवंबर महीने में यह किसी दूसरे पत्रकार की हत्या है। उधर, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) 2016 के आंकड़े भी जारी हुए, जिनसे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य में सबसे अधिक हत्याएं और अपराध हुए। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां पिछले साल हत्या के सर्वाधिक 4,889 मामले दर्ज किए गए, जो 16.1 फीसद है। इसके बाद बिहार का स्थान है, जहां 2,581 हत्याएं हुईं, जो 8.4 फीसद है। साल 2016 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के कुल मामलों में उप्र में 49,262 मामले (14.5 फीसदी) दर्ज किए गए, जिसके बाद पश्चिम बंगाल का स्थान है। वहां 32,513 मामले (9.6 फीसदी) दर्ज हुए। देश में बलात्कार के मामलों में साल 2015 के 34,651 मामलों की तुलना में साल 2016 में 12.4 फीसदी की वृद्धि हुई। यह आंकड़ा बढ़कर 38,947 हो गया।

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल मध्य प्रदेश में सर्वाधिक संख्या में बलात्कार की 4,882 (12.5 फीसदी) घटनाएं दर्ज की गईं, जिसके बाद उप्र का स्थान है। उप्र में बलात्कार की 4,816 (12.4 फीसदी) घटनाएं दर्ज की गई। इसके बाद महाराष्ट्र का स्थान है, जहां इसकी 4,189 (10.7 फीसदी) घटनाएं दर्ज की गईं। पिछले साल देश में विभिन्न अपराधों को लेकर कुल 37,37,870 लोग गिरफ्तार किए गए। जबकि 32,71,262 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया। कुल 7,94,616 को दोषी ठहराया गया और 11,48,824 लोगों को बरी या आरोपमुक्त किया गया था।

यह पहला मौका नहीं है, जब किसी पत्रकार की हत्या की गई है। 22 नवंबर को त्रिपुरा में बंगाली (दैनिक) स्यन्दन पत्रिका के पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के एक कांस्टेबल पर लगा था। 20 सितंबर को त्रिपुरा के मंदाई में पत्रकार शांतनू भौमिक को मौत के घाट उतार दिया गया था। वह तब इंडीजीनस पीप्लस फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) का एक आंदोलन कवर करने गए थे। वहीं, पांच सिंतबर को अज्ञात लोगों ने कर्नाटक के बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर के बाहर हत्या कर दी थी।

गौरी लोकप्रिय कन्नड़ टेबलॉयड ‘लंकेश पत्रिका’ की संपादक थीं।