झारखंड में कांग्रेस कोटे से मंत्री रामेश्वर उरांव का कहना है कि किसी अगर किसी घऱ पर बुल्डोजर चलाया जाता है तो वो केवल आरोपी का नहीं होता। उसमें परिवार के और लोग भी रहते हैं। उनका सवाल था कि ये किस तरह का कानून है। अगर वो एसपी होते और सरकार उन्हें ऐसा करने को बोलती तो वो सिरे से इन्कार कर देते। आखिर मानवता भी कोई चीज है। हम कैसे किसी परिवार को सड़क पर ला सकते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में रामेश्वर उरांव ने कहा कि झारखंड में जो हिंसा हुई उसे समय रहते काबू कर लिया गया। पूरे देश में घृणा का एक माहौल बीजेपी ने बना दिया है। जगह-जगह पर हिंसा हो रही है। लेकिन हमने इस पर ठीक से काम किया। पुलिस ने हिंसा का पता लगते ही उसे काबू करने का काम किया। ये दु्र्भाग्यपूर्ण है कि दो की जान इसमें गई। उरांव झारखंड के वित्त मंत्री हैं।

उरांव ने कहा कि एक पूर्व आईपीएस होने के नाते वो मानते हैं कि गोली चलाने के मामले की जांच के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंपी जानी चाहिए। सरकार ने जांच का फैसला करके अच्छा काम किया। उनका कहना है कि 23 केस दर्ज होने का मतलब है कि सरकार तुरंत एक्शन में आई। लेकिन हम किसी के घर पर बुल्डोजर नहीं चलाने जा रहे। कानून अपना काम करेगा। जो दोषी मिलेगा उसे अदालत सख्त से सख्त सजा देगी। उनका कहना था कि वो 28 साल पुलिस सेवा में रहे हैं। वो बुल्डोजर को सही नहीं मानते।

गौरतलब है कि झारखंड की राजधानी रांची में रांची में शुक्रवार को हुई हिंसा में दो लोगों की जान चली गई और कम से कम दो दर्ज दर्जन लोग घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। मुख्यमंत्री सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को रांची में हुई हिंसा की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। सीएम ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की है। सरकार ने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि कुछ अवसरवादी ताकतों ने राज्य की राजधानी रांची में संगठित तरीके से शांति भंग करने की साजिश रची।