दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि नोटंबदी औद्योगिक घरानों को संकट से उबारने के मकसद से हुई है, जिन्होंने बैंक से लिए गए अपने ऋण को नहीं चुकाया है। यहां जनसभा को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री काले धन या भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के प्रति गंभीर नहीं हैं। केजरीवाल ने कहा, अगर वह गंभीर होते तो सिर्फ उन्हें गिरफ्तार करते, जिनका काला धन स्विस बैंकों में जमा है। केजरीवाल ने आयकर विभाग के दस्तावेज दिखाते हुए यह दावा किया कि मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो दो प्रमुख कारपोरेट घरानों ने उन्हें भारी रिश्वत दी थी। अपने पूर्व के विभाग, आयकर विभाग के सूत्रों का हवाला देते हुए आम आदमी पार्टी के संयोजक ने कहा कि आरोपों की जांच किए जाने की बजाय मोदी ने जांच को दबा दिया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को पता है कि स्विस बैंक खाते किसके हैं, लेकिन उन्होंने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया क्योंकि वे उनके मित्र हैं।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा रचाई गई साजिश है, ताकि 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैंकों में जमा कराया जा सके और इनका इस्तेमाल कारपोरेट घरानों द्वारा लिए गए ऋण को माफ करने में किया जाए। केजरीवाल ने कहा कि नोटंबदी से अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है और इससे देश भर में 105 लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा, भाजपा को नकद में 70 प्रतिशत चंदा मिला है लेकिन वे लोगों को कैशलेस होने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा, मोदी के परिचित अपनी बेटियों की शादी में करोड़ों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन वे हमसे कह रहे हैं कि अपनी बेटियों की शादी 2.5 लाख में करो। लोगों की तालियों के बीच केजरीवाल ने जोरदार तरीके से कहा, मोदी भ्रष्ट हैं।