झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाले मतदान से सिर्फ चार दिन पहले एनडीए उम्मीदवार और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने झामुमो के इस फैसले का स्वागत किया है। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने तत्काल स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पहली बार एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है, जिसका समर्थन कर झामुमो ने उचित कदम उठाया है।

वहीं, बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी एवं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी झारखंड मुक्ति मोर्चा के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है। इससे पहले झारखंड कांग्रेस ने कहा था कि हर पार्टी अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा था कि झारखंड में गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए बना है, किसी अन्य मुद्दे पर नहीं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने गुरुवार (14 जुलाई, 2022) को एक बयान जारी कर कहा कि झामुमो आगामी राष्ट्रपति चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगा। हालांकि, झामुमो को अपनी इस घोषणा के बाद निश्चित तौर पर कांग्रेस और राजद के साथ राज्य में गठबंधन सरकार चला रहे झामुमो को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

शिबू सोरेन ने अपने बयान मे कहा, “आगामी राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड की पूर्व राज्यपाल एवं आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं। आजादी के बाद पहली बार किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त होने वाला है।” शिबू सोरेन ने अपने सभी सांसदों और विधायकों को द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट करने का निर्देश भी दिया है। मुर्मू और सोरेन दोनों आदिवासी नेता हैं और दोनों ही संथाल जनजातीय समूह से ताल्लुक रखते हैं, जिसकी झारखंड के साथ-साथ पड़ोसी ओडिशा में भी बड़ी आबादी है।