अजय नदी पर पुल न होने से झारखंड के जामतारा में स्थित कास्ता गांव के लोग परेशान थे। सरकार से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर में गांव वालों ने अपने बूते पर 850 मीटर लंबा बंबू पुल नदी पर बनाकर सरकार को आईना दिखा ही दिया। उनकी एकजुटता देख सरकार भी हैरत में है।
नाला ब्लाक में पड़ने वाले गांव की परेशानी ये थी कि नदी पर पुल न होने की वजह से उन्हें पश्चिमी बंगाल के आसनसोल में जाने के लिए 25 किमी का अतिरिक्त सफर करना पड़ता था। गांव के ज्यादातर बच्चे बंगाल के स्कूल में पढ़ते हैं। लेकिन पुल न होने की वजह से उन्हें काफी परेशानी हो रही थी।
कास्ता के मुखिया परिमल बौरी ने बताया कि अजय नदी के पास गांव का भविष्य था, क्योंकि आसनसोल में बेहतरीन शिक्षण संस्थान मौजूद हैं। गांव के कामकाजी लोगों के लिए भी आसनसोल एक बेहतरीन जगह है। पुल बनने के बाद से गांव के तकरीबन 35 सौ लोगों को सुविधा मिल रही है। हालांकि, बंबू का ये ब्रिज लगभग 30 हजार लोगों को राहत दे रहा है।
मुखिया का कहना है कि सरकार ने जब नहीं सुनी तो गांव वालों ने इकट्ठा होकर बंबू ब्रिज बनाने की ठानी। 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाना हंसी खेल नहीं था। लिहाजा गांव के जिन लोगों ने पैसे नहीं दिया उन्होंने शारीरिक श्रम करके क्षतिपूर्ति की। पुल बनाने में एक लाख रुपये का खर्च आया। गांव के लोगों ने अपने पास से इसे वहन किया और पुल बनाने के लिए काम भी।
मेकशिफ्ट ब्रिज को बनाने में तकरीबन 1 माह का वक्त लगा। आसपास के गांव के लोगों ने भी श्रमदान करके पुल बनाने में मदद की। गांव के लोगों का जोशोखरोश देखने लायक था। हो भी क्यों न। आखिर उन्हें पहले 15 किमी दूर जाकर महेशमुंडा से नदी पार जो करनी पड़ती थी।