रांची की सीबीआई अदालत ने अलकतरा घोटाले में बिहार के पूर्व मंत्री और राजद विधायक इलियास हुसैन को आज (गुरुवार, 27 सितंबर) चार साल जेल की सजा सुनाई है। जज अनिल कुमार मिश्र की सीबीआई कोर्ट ने हुसैन पर दो लाख का जुर्माना भी लगाया है। हुसैन फिलहाल डिहरी से राजद के विधायक हैं। लालू यादव और राबड़ी देवी के मंत्रिमंडल में इलियास हुसैन पथ निर्माण मंत्री थे और उन्हें लालू यादव का खासमखास माना जाता था। 1992 का यह मामला झारखंड (तत्कालीन बिहार) के चतरा जिले से जुड़ा है। आरोप है कि करीब 18.75 लाख रुपये मूल्य का 375 मीट्रिक टन अलकतरा का गबन कर लिया गया था। आरोप है कि 1992 से 1994 के बीच चतरा के पथ निर्माण विभाग मंडल को हल्दिया से बरौनी के रास्ते अलकतरा की सप्लाई होनी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उस पैसे की बंदरबांट कर ली गई।
आरोप है कि कृष्ण कुमार केडिया की ट्रांसपोर्ट कंपनी ने हल्दिया इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के डिपो से 17 जनवरी 1994 को 541.36 मीट्रिक टन अलकतरा उठाया था लेकिन रास्ते में ही 78.44 मीट्रिक टन गायब कर दिया। आरोप लगा कि उसी पैसे से तत्कालीन मंत्री इलियास हुसैन ने रिवॉल्वर, एस्टीम कार और चांदी के कप-प्लेट खरीदे थे। इस मामले में पूर्व मंत्री इलियास हुसैन, उनके निजी सचिव सहाबु्द्दीन बेग, सहायक अभियंता शोभा सिन्हा, चीफ इंजीनियर रहे केदार पासवान, उपनिदेशक मुजताबा अहमद समेत आठ लोग आरोपी थे।
सीबीआई ने मामले में कुल 45 लोगों की गवाही दर्ज कराई थी। 24 सितम्बर को पूर्व मंत्री इलियास हुसैन समेत आठ आरोपियों के बयान कोर्ट में दर्ज किए गए। उससे पहले 15 सितम्बर को अभियोजन साक्ष्य बंद हो गया था। सीबीआई ने अंतिम गवाह के रूप में जांच अधिकारी अनिल कुमार सिंह की गवाही करवाई। बता दें कि बिहार में करीब 1000 करोड़ रुपये का अलकतरा घोटाला हुआ था। इससे जुड़े करीब 40 केस चल रहे थे। पिछले ही साल पटना हाईकोर्ट ने सुपौल जिले से जुड़े एक मामले में इलियास हुसैन को बरी कर दिया था।
दिसंबर 2016 में भी रांची की सीबीआई कोर्ट ने अलकतरा घोटाले में दो इंजीनियर समेत चार लोगों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी। वह मामला हजारीबाग पथ निर्माण प्रमंडल से 60 लाख रुपये के गबन का था। इसमें पीडब्ल्यू विभाग के अफसरों और ठेकेदारों पर आरोप लगे थे।

