उत्तर प्रदेश के झांसी में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भीषण आग लग गई। इसमें 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। आग अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (NICU) में लगी थी। हालांकि 45 नवजातों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। इस बीच एक हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है। NICU में क्षमता से अधिक बच्चे रखे जाते थे। इसमें केवल 18 शिशुओं को रखा जा सकता है। जबकि शुक्रवार की रात लगी आग के समय इसमें 49 नवजात शिशु थे। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एनएस सेंगर ने बताया कि अन्य जगहों पर इलाज की लागत अधिक होने के कारण विभिन्न क्षेत्रों से लोग अस्पताल आते हैं। उन्होंने कहा कि हम हमारे पास आने वाले सभी बच्चों को इलाज मुहैया कराने का प्रबंधन करते हैं।
प्रिंसिपल का बड़ा बयान
प्रिंसिपल ने कहा एक नया 51-बेड वाला एनआईसीयू वार्ड बनाया गया था और अधिकारी एक महीने के अंदर इसे उपयोग में लाने की योजना बना रहे थे। उन्होंने कहा, “नया वार्ड अधिक क्षमता को समायोजित करने के लिए बनाया गया था।” नए एनआईसीयू वाली इमारत उस इमारत के बगल में स्थित है जहां आग लगी थी। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहौर ने कहा कि निर्माण लगभग दो साल पहले शुरू हुआ था।
डॉ. एनएस सेंगर ने यह भी कहा कि बदकिस्मत वार्ड में लगे सभी अग्निशामक यंत्र चालू थे और आग बुझाने के लिए उनका इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि जून में एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। एनएस सेंगर ने कहा, “हमने आग की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए एक विस्तृत योजना विकसित की थी। मेडिकल कॉलेज को तीन खंडों में विभाजित किया गया था, प्रत्येक की देखरेख एक प्रोफेसर द्वारा की जाती थी। सभी स्टाफ सदस्यों को अग्नि प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल पर प्रशिक्षित किया गया था, जो इस घटना के दौरान मददगार साबित हुआ।”
ब्रजेश पाठक ने सख्त कार्रवाई की कही बात
डॉ. एनएस सेंगर ने बताया कि नवजात शिशुओं को बचाने और आग बुझाने के प्रयास में नर्स मेघना का पैर जल गया। इस बीच शुक्रवार रात को मरे 10 नवजात शिशुओं का पोस्टमार्टम अगली सुबह शुरू हुआ। झांसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि जांच तीन स्तरों पर की जाएगी – स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा, इसके अलावा मजिस्ट्रेट जांच भी की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृत नवजात बच्चों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। वहीं गंभीर रूप से घायल बच्चों के परिवार को 50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।