नोएडा में बन रहे जेवर एयरपोर्ट पर तेजी से काम किया जा रहा है, अगले साल तक एक भाग को तो शुरू भी किया जा सकता है। अब यूपी को इतना बड़ा एयरपोर्ट तो मिल रहा है, लेकिन इसके करीब कोई प्रमुख रेल लाइन नहीं है। ऐसे में उसी मांग को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने रेलवे को एक पत्र लिखा है। उस पत्र में कहा गया है कि जेवर एयरपोर्ट को रेल से कनेक्ट करना जरूरी है।
जेवर को रेल की सौगात?
ये पत्र उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने लिखा है। उनकी तरफ से कहा गया है कि बुलंदशहर के चोला रेलवे स्टेशन से लेकर हरियाणा के पलवल स्टेशन तक कनेक्टिविटी चाहिए। तर्क दिया गया है कि एक बार अगर ये कनेक्टिविटी मिल जाएगी, तो उस स्थिति में जेवर से आ रहे, या जा रहे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इस बात पर भी जोर दिया गया है कि ये रेल नए नौकरियों के अवसर भी पैदा करेगा।
सबसे बड़ी मांग ये की गई है कि रेलवे को दिल्ली कोलकाता और दिल्ली-मुंबई लाइन को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने की जरूरत है। इसके लिए एक नए स्टेशन का निर्धारित होना जरूरी है। अब पत्र में मांग तो रखी ही गई है, इस बात की जानकारी भी दी गई है कि NHAI द्वारा जेवर के लिए अलग से रोड कनेक्टिविटी के लिए काम शुरू भी कर दिया गया है। बताया गया है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से लगभग 30 किमी की सड़क का निर्माण किया जा रहा है।
जेवर एयरपोर्ट की क्या खासियत?
ज़ेवर हवाई अड्डा एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। देश में इससे पहले केवल केरल और तमिलनाडु में ही चार-चार अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट थे। ज़ेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए वर्किंग एजेंसी के रूप में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को नियुक्त किया गया है, और इसके समूचे निर्माण की ज़िम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ज़्यूरिख़ की है। यह एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर में बनाया जा रहा है । इस एयरपोर्ट की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल के ट्रैफ़िक को बहुत कम कर देगा।