Bihar Politics: बिहार की राजनीति में गहमागहमी का माहौल एक बार फिर दिखाई दिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ने और राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने के एक महीने बाद जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता निखिल मंडल ने निजी कारणों का हवाला देते इस छोड़ा है। जदयू ने साल 2016 में निखिल मंडल को प्रवक्ता बनाया था।

सूत्रों के अनुसार, जदयू और राजद के हाथ मिलाने से राज्य में राजनीतिक समीकरण बदलने के बाद मंडल को साल 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने को लेकर अनिश्चितता थी। वह साल 2024 में मधेपुरा से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। मंडल पिछले कुछ महीनों से अपने निर्वाचन क्षेत्र में काफी समय बिता रहे हैं। निखिल मंडल ने ट्विटर हैंडल पर लिखा,’इस 6 साल 7 महीने 12 दिनों में मुझे सभी मीडिया साथियों का अपार प्यार और सम्मान मिला, जिसके लिए मैं आप सभी का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।’

नए गठबंधन के बाद बदल रहे सियासी समीकरण

निखिल मंडल ने बिहार की मधेपुरा सीट से साल 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा था। जहां वह राष्ट्रीय जनता दल के डॉ चंद्रशेखर से हार गए थे। हाल ही में जदयू के महागठबंधन से हाथ मिलाने के बाद चंद्रशेखर नीतीश कुमार सरकार में शिक्षा मंत्री हैं। इसके अलावा वह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव के बहुत आलोचक थे, जब वे विपक्ष में थे। राज्य में नई सरकार बनने के बाद अब वह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लालू परिवार का बचाव करने के लिए खुद को मुश्किल स्थिति में पाते हैं।

प्रशांत किशोर ने भी नीतीश के खिलाफ खोला मोर्चा

बिहार में एनडीए गठबंधन छोड़कर महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद से नीतीश कुमार पर लगातार हमले हो रहे हैं। राज्य का मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने जंगलराज की चर्चा शुरू कर दी। नीतीश कुमार ने भी इन हमलों का जवाब देते हुए कहा था कि बिहार में जंगलराज नहीं जनता का राज है। वहीं चुनावी रणनीतिकार और कभी नीतीश कुमार के साथ रहे प्रशांत किशोर ने भी नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला बोलेते हुए कहा था, ‘बिहार में पिछले 10 सालों में लगातार सियासी उठापटक रही लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक ही आदमी बैठा वो नीतीश कुमार। उन्होंने कहा ऐसा लगता है कि सीएम की कुर्सी और नीतीश कुमार के बीच फेविकोल से भी मजबूत जोड़ लग गया है।’