बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए के भीतर सीटों के बंटवारे के ऐलान के बाद कुछ दिलचस्प जानकारियां सामने आ रही हैं। जैसे जेडीयू ने अपने 57 उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की, उसमें कम से कम पांच सीटें ऐसी हैं जिन पर केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान अपनी दावेदारी जता रहे थे।
खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन सीटों पर चिराग की दावेदारी से नाराज थे और उन्होंने कहा था कि यह पांच सीटें जेडीयू के पास ही रहनी चाहिए।
ये सीटें मोरवा, सोनबरसा, राजगीर, गायघाट और मटिहानी हैं।
जदयू ने 57 प्रत्याशियों के नाम का किया ऐलान
किसे मिली थी इन 5 सीटों पर जीत?
2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने इनमें से मोरवा और गायघाट में जीत हासिल की थी जबकि राजगीर और सोनबरसा सीट पर जेडीयू के उम्मीदवार जीते थे। मटिहानी सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी के राजकुमार सिंह चुनाव जीते थे लेकिन बाद में वह जेडीयू में शामिल हो गए थे।
बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं और इन पर 6 और 11 नवंबर को वोटिंग होगी जबकि 14 नवंबर को नतीजे आएंगे।
चिराग की पार्टी को मिली 29 सीटें
सीट बंटवारे के मुताबिक, बीजेपी और जेडीयू 101-101 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। जबकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा 6-6 सीट पर चुनाव मैदान में उतरेगी।
चिराग को मुश्किल से मना पाए थे बीजेपी नेता
एनडीए में सीट बंटवारे के ऐलान से पहले बीजेपी के नेताओं को चिराग पासवान को मनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। बीजेपी के तमाम बड़े नेता धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े, नित्यानंद राय, दिलीप जायसवाल चिराग पासवान ने कई दिन तक चिराग के साथ बैठक की थी।
2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग को मनाने में बीजेपी को कामयाबी नहीं मिल पाई थी और उन्होंने एनडीए से अलग जाकर चुनाव लड़ा था।