कर्नाटक विधानसभा चुनाव के करीब आते ही राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हो गई हैं। अब पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के संस्थापक एचडी देवेगौड़ा भी हिंदुत्व की लड़ाई में कूद गए हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच हिंदुत्व को लेकर पहले से ही जुबानी जंग चल रही है। इसमें अब राज्य की तीसरी सबसे प्रभावशाली पार्टी भी शामिल हो गई है। इस मुद्दे पर देवेगौड़ा ने सोमवार (15 जनवरी) को अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हिंदुत्व का मूल दर्शन दूसरे धर्मों के प्रति सहिष्णुता है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा हिंदुत्व की बात करती है। लेकिन, यदि आप दूसरे धर्मों के प्रति सहिष्णु नहीं हैं तो आप इसे किस तरह हिंदुत्व कहेंगे? तटीय कर्नाटक में निर्दोष लोग मारे गए हैं। उन्हें किसने मारा? किस लिए मारा? क्या भाजपा का हिंदुत्व यही है?’

कांग्रेस शासित कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और भाजपा के बीच हिंदुत्व को लेकर तीखी बयानबाजी हो रही है। जद (एस) की ओर से इस मसले पर अब तक कोई बयान नहीं आया था। ऐसे में एचडी देवेगौड़ा और उनके बेटे एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी की चुप्पी पर संदेह गहराने लगे थे। संक्रांति के मौके पर राज्य की तीसरी बड़ी पार्टी ने इस मसले पर बयान दिया है। देवेगौड़ा ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने हिंदुत्व का पुनरुद्धार किया था। वह सच्चे मायनों में हिंदू धर्म और हिंदू मान्यताओं के रक्षक थे। पूर्व प्रधानमंत्री ने श्रृंगेरी में 15 दिनों तक चलने वाला ‘शत चंडी यज्ञ’ किया है। यह यज्ञ मां चंडिका को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। देवेगौड़ा ने कहा कि उन्होंने यह पवित्र यज्ञ राज्य के लोगों के कल्याण के लिए किया है, किसी का विनाश करने के लिए नहीं। देवेगौड़ा ने भाजपा के मुख्यमंत्री पद के चेहरे बीएस येद्दयुरप्पा पर इशारों में हमला करते हुए कहा कि किसी ने कोल्लुर में राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए शत चंडी का यज्ञ किया।

भाजपा पर हमला बोलने में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारास्वामी भी पीछे नहीं रहे। अपने पिता की तरह उन्होंने भी भाजपा के हिंदुत्व की विचारधारा की कड़ी आलोचना की और पार्टी को कर्नाटक की राजनीति के लिए अभिशाप तक करार दे दिया। मालूम हो कि कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस के बाद जद (एस) की पकड़ सबसे ज्यादा मजबूत है। स्पष्ट बहुमत नहीं आने की स्थिति में इस पार्टी की भूमिका बेहद अहम हो सकती है।