Bihar Election Result: बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज को करारी हार मिली है। इसके बाद पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में उनका चुनाव ना लड़ना एक गलती हो सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव नतीजे बहुत बड़ा झटका हैं, लेकिन वे बिहार के राजनीतिक क्षेत्र में अपनी कोशिशें जारी रखेंगे।

एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा, “आप मेरे चुनाव ना लड़ने को गलती मान सकते हैं। अगर मुझे पता है कि मुझे इस तरह की हार मिलने वाली है तो मैं अपने जीवन का सब कुछ, अपना धन, समय-ताकत और बुद्धि क्यों दाव पर लगाऊंगा। अगर मुझे अकेला विधायक या सांसद बनना होता तो सारा पैसा लगाकर वही बन गया होता। अगर मुझे एक पैसे का भी एहसास होता कि जन सुराज का ये रिजल्ट आएगा तो मैं इतना बड़ा रिस्क क्यों लेता।”

मैंने कोई सर्वे नहीं कराया- प्रशांत किशोर

किशोर ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि जन सुराज को सिर्फ 4 प्रतिशत वोट मिलेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले उन्होंने कभी कोई सर्वेक्षण नहीं करवाया था, जिस पर वे चुनावी रणनीतिकार के तौर पर अपने काम के दौरान निर्भर रहे थे। उन्होंने कहा, “मैंने बिना सोचे-समझे अनुमान लगा लिया था। मेरा अनुमान था कि हमें 12-15 प्रतिशत वोट मिलेंगे। लेकिन यह 3.5 प्रतिशत ही रहा, इसलिए हमें विश्लेषण करना होगा।”

दस हजार रुपये वोटों को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त थे- किशोर

किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना सत्तारूढ़ एनडीए के पक्ष में पलड़ा भारी करने के लिए पर्याप्त थी। उन्होंने नीतीश कुमार सरकार पर गठबंधन की आसान जीत सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं के वोट खरीदने का आरोप भी लगाया। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी के बारे में अपनी पूर्व भविष्यवाणी दोहराते हुए कहा, “10000 रुपये वोटों को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त थे। जेडीयू को 25 से ज्यादा सीटें नहीं मिलनी चाहिए थीं। एनडीए ने नकदी के दम पर वोट खरीदे।”

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हमने जाति-धर्म का जहर नहीं फैलाया- जन सुराज के संस्थापक

जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर कहा कि वह हार नहीं मान रहे हैं। उन्होंने कहा, “बीजेपी के भी एक समय सिर्फ दो सांसद थे। जब आप कोई पार्टी बनाते हैं, तो ऐसे नतीजे आ सकते हैं, लेकिन क्या प्रशांत किशोर और जन सुराज के लोग हैं? हमने जाति-धर्म का जहर नहीं फैलाया। हम फिर कोशिश करेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने बिहार के कल्याण के लिए 10 साल समर्पित किए हैं।

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