बिहार का जमुई संसदीय क्षेत्र सुरक्षित सीट है। यहां टक्कर पूर्व और मौजूदा सांसद के बीच है। राजग से लोजपा के चिराग पासवान और महगठबंधन से रालोसपा के भूदेव चौधरी में सीधी लड़ाई है। मगर राजग के लिए यह अहम सीट मानी जा रही है। चिराग केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे हैं। तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में अपने चुनावी अभियान का श्रीगणेश जमुई से 2 अप्रैल को आकर कर गए। इसके बाद से नेताओं के तूफानी दौरे परवान चढ़े हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तारापुर, चकाई जाकर चुनावी सभाएं की हैं। यहां 11 अप्रैल को मतदान होना है।
रालोसपा के भूदेव चौधरी 2009 में राजग के जदयू उम्मीदवार के तौर पर 178560 मत लाकर जीते थे। इनके मुकाबले राजद के श्याम रजक को 148763 वोट मिले थे। कांग्रेस के अशोक चौधरी को 71267 मत मिले थे। 2014 में चिराग पासवान जीते। उन्हें 285354 वोट मिले थे। उनके सामने राजद के सुधांशु भास्कर 199407 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे। जदयू के उदय नारायण चौधरी 198599 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। यानी दोनों दफा टक्कर राजद से ही हुई। फर्क यह था कि 2009 में कांग्रेस और राजद अलग थी। तो 2014 में भाजपा-लोजपा साथ थे और जदयू अलग था। अबकी भाजपा-लोजपा-जदयू साथ हैं तो राजद-कांग्रेस-रालोसपा भी एक छतरी के नीचे हैं।
जातीय गणित: जातीय समीकरण का अंगुलियों पर हिसाब लगाते जमुई नयाटोला के गुरुवंत कुमार सिंह कहते हैं कि यहां यादव साढ़े तीन लाख, मुसलिम ढाई लाख, दलित व महादलित तीन लाख, सवर्ण ढाई लाख, पिछड़ी जाति के चार लाख मतदाता हैं। 50 हजार नए मतदाता बने हैं। राजद का 30 फीसद वोटों का माई समीकरण भी मजबूती से खड़ा है। जगजोगरा गांव के साहेन यादव की बातों से ऐसा नजर आता है। वे कहते हैं लालू को जेल भेजकर गलत किया गया है। मसौढ़ी चौक जमुई की अफसाना सुल्ताना कहती हैं जो हिंदू मुसलमान के झगड़े रोकेगा, वोट उसी को देंगे। वहीं पकरी गांव के सौदागर साह कहते हैं कि मौजूदा सांसद ने काम किया है। जमुई बाजार में मेडिकल स्टोर चलाने वाले रवि गुप्ता बताते है कि मुकाबला बराबरी का है।
भितरघात का भी खेल: यहां जातीय समीकरण के साथ भितरघात भी मौजूद है। दोनों राजग और महगठबंधन के साथ बसपा के उपेंद्र रविदास भी चुनाव मैदान में डटे हैं। तीनों ही दलित वर्ग से हैं। इसके अलावा सम्राट चौधरी खेमा के भितरघात की बात भी नजर आती है। दरअसल इन्हें भाजपा ने खगड़िया से टिकट का भरोसा दिला पार्टी की सदस्यता दिलवाई। मगर लोजपा ने इन्हें अपनी टिकट देने से इंकार कर दिया। खगड़िया से मौजूदा लोजपा सांसद महबूब अली कैसर फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। सम्राट चौधरी को उपेंद्र कुशवाहा की काट करने और कोयरी मतों को साधने के लिए लाया गया था। ये परबत्ता से विधायक और राजद सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इनके पिता शकुनि चौधरी हैं। ये तारापुर से कई दफा विधायक व मंत्री रहे। इनकी माता पार्वती देवी भी विधायक रही हैं।