Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि कश्मीरी प्रवासियों के लिए उनके मूल मूल निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में नामांकन के लिए विशेष प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने बताया कि संपत्ति की खरीद और नौकरियों के संबंध में नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। न ही मतदाताओं के प्रतिनिधित्व के लिए कोई बदलाव किया गया है।
सरकार की ओर से बताया गया कि कश्मीर प्रवासियों के लिए उनके निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उनके नामांकन के लिए विशेष प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्हें नामांकन के स्थान पर या डाक मत पत्र के माध्यम से जम्मू, उधमपुर दिल्ली आदि में विशेष रूप से स्थापित मतदान केंद्रों के माध्यम से मतदान करने का विकल्प दिया जाता रहेगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर सरकार में संपत्ति की खरीद और नौकरियों से संबंधित नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया और उनका मतदाताओं के प्रतिनिधित्व या अन्यथा से कोई संबंध नहीं है।
25 लाख अतिरिक्त वोटरों के जोड़ने के संबंध में सरकार ने बताया कि यह पूरी तरह से गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। मतदाता सूचियों के संशोधन में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के मौजूदा निवासियों को शामिल किया जाएगा और संख्या में वृद्धि उन मतदाताओं की होगी, जिन्होंने एक अक्टूबर 2022 से पहले की स्थिति के अनुसार 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है।
मतदाताओं के संबंध में सरकार ने स्पष्ट करते हुए बताया कि वर्ष 2011 में जम्मू कश्मीर में पुनरीक्षण प्रकाशित मतदाताओं की संख्या 66,00, 921 थी। जबकि वर्तमान में मतदाताओं की संख्या 76,02,397 है। मतदाताओं में वृद्धि नए मतदाताओं के कारण हुई है, जिन्होंने 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है।
बता दें कि कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) हृदयेश कुमार ने जानकारी दी थी कि जम्मू कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनावों में गैर-स्थानीय लोगों को भी मतदान करने का अधिकार होगा। इस फैसले के बाद जो लोग जम्मू कश्मीर में पढ़ाई के लिए आए हैं, वो लोग भी आगामी विधानसभा चुनावों में मतदान कर सकते थे।