Jammu And Kashmir: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के शोपियां (Shopian) जिले में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में लश्करे तैयबा ( Lashkar-e-Taiba) के तीन आतंकवादी मारे गए हैं। आतंकियों में से दो की पहचान शोपियां के लतीफ लोन और अनंतनाग के उमर नजीर (Umer Nazir) के रूप में हुई है। लतीफ लोन (Lateef Lone) एक कश्मीरी पंडित पूरण कृष्णा भट (Puran Krishna Bhat) की हत्या और उमर नजीर नेपाल के तिल बहादुर थापा (Till Bahadur Thapa) की हत्या में शामिल था।
AK 47 और अन्य हथियार बरामद
कश्मीर ज़ोन पुलिस ने ट्वीट कर जानकारी साझा की है कि मारे गए आतंकियों के पास हथियार बरामद हुए हैं। ट्वीट में जानकारी सामने आई है कि आतंकियों के पास से एक AK 47 राइफल और 2 पिस्तौल बरामद की गई हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में नाकाबंदी कर तलाशी अभियान तेज कर दिया है। मुठभेड़ मुंझ मार्ग इलाके में हुई है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने पहले ही ट्वीट कर मुठभेड़ होने की जानकारी साझा की थी।
पूरण कृष्णा भट (Puran Krishna Bhat) की पत्नी का बयान
कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट की पत्नी का कहना है कि आज शोपियां मुठभेड़ में उनके पति की हत्या में शामिल आतंकवादी को सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराए जाने के बाद उन्हें न्याय मिला है। उन्होने कहा कि ऐसा होना ही था क्योंकि उसने एक निर्दोष व्यक्ति को मार डाला। सुरक्षा बलों ने अच्छा काम किया है।
पहले भी हुई है कार्रवाई
आतंकियों के साथ मुठभेड़ के पहले भी मामले सामने आते रहे हैं। हाल ही में खबर सामने आई थी कि शोपियां के कापरन गांव में सुरक्षाबलों ने एक मदरसे में छात्रों को बंधक बनाने वाले एक पाकिस्तानी आतंकी को मार गिराया था। सेना के प्रवक्ता ने बताया था कि मदरसे में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद ऑपरेशन आधी रात से ही शुरू हो गया था। आतंकी ने सुबह करीब छह बजे भागने की कोशिश में सुरक्षाबलों पर गोली चलाई थी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने उसे ढेर कर दिया था।
अक्टूबर के महीने में कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि शोपियां जिले के द्राच में हुई मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकवादी मारे गए थे। यह भी लश्कर से जुड़े थे। द्राच इलाके में मारे गए जैश के तीन में से दो आतंकवादियों की पहचान हनान बिन याकूब और जमशेद कुमार के तौर पर हुई थी। उन्होंने बताया कि ये आतंकवादी दो अक्टूबर को पुलवामा के पिंगलाना में विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) जावेद डार और जिले में 24 सितंबर को पश्चिम बंगाल के एक प्रवासी मजदूर की हत्या में शामिल थे।