कश्मीर के उरी में सेना के ब्रिगेड हैडक्वार्टर पर आतंकी हमले पर स्थानीय लोगों ने बताया कि यह अटैक अलसुबह हुआ। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि सुबह साढ़े पांच बजे धमाके जैसी आवाज सुनी। बाद में पता चला कि सेना के बेस पर हमला हुआ है। एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि अलसुबह भारी गोलीबारी सुनी गई। इसके बाद बाहर काला धुंआ दिखार्इ दिया। वहीं हमले के बाद जम्मू में डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने भी पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। लोगों ने पाक के झंडे को जूते मारे और नारेबाजी की।
गौरतलब है कि उरी सेक्टर में सेना के कैंप पर आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गए जबकि 19 अन्य घायल हो गए। यह आतंकी हमला 12वीं ब्रिगेड के हैडक्वार्टर पर हुआ। शहीद होने वाले जवाब 11 डोगरा और 6 बिहार रेजीमेंट के हैं। खबरों के अनुसार हमलावर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से सलामाबाद नल्ला से उरी में घुसे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए कहा, ”हम उरी में हुए कायराना हमले की निंदा करते हैं। मैं देश को भरोसा देता हूं कि इस हमले के पीछे जो भी लोग हैं उन्हें सजा जरूर दी जाएगी। शहीद हुए सैनिकों को हम सलाम करते हैं। देश उनकी कुर्बानी हमेशा याद रखेगा।” हमले की जानकारी मिलने के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह श्रीनगर पहुंच गए। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकी हमले से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई।
बैठक के बाद गृहमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है। उसे अलग-थलग किया जाए। उन्होंने उरी में हुए हमले और कश्मीर में अशांति के मद्देनजर अपना रूस और अमेरिका दौरा रद्द कर दिया है। हमले को लेकर राजनीतिक दलों ने भी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हमले पर दुख जताया है। राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में किसान यात्रा के दौरान 30 सैकंड का मौन भी रखा। वहीं सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि आतंकवाद से कश्मीर समस्या का हल नहीं निकलेगा।