केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार (28 अगस्त) को कहा कि कश्मीर में युवाओं को कथित जिहाद के लिए उकसाने वाले लोगों ने अपने बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर रखा है और युवाओं को ऐसे लोगों के खिलाफ जागरूक किए जाने की आवश्यकता है जो देश की एकता को नुकसान पहुंचाने के निहित स्वार्थ के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में वर्तमान में फैली अशांति में मरने वाले लोग सबसे गरीब तबके से जुड़े हुए थे। जम्मू कश्मीर के उधमपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद सिंह ने यहां बताया, ‘जिन लोगों ने कथित जिहाद के नाम पर इन गरीब लोगों को सामने आने और अपनी जान देने के लिए उकसाया है, उन्होंने अपने बच्चों और परिवार को सुरक्षित स्थानों पर रखा है।’

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री ने उन लोगों को लेकर सवाल उठाया जो ‘जन्नत’ के नाम पर जम्मू कश्मीर में युवाओं को हिंसा के मार्ग पर जाने के लिए उकसा रहे हैं और उनसे पूछा कि वे अपने बच्चों को ‘जन्नत’ में जाने का अवसर क्यों नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए और केंद्र हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रतिबद्ध है।

मंत्री ने कहा, ‘लेकिन साथ ही निर्दोष लोगों खासकर युवाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जाने चाहिए। देश की एकता को भंग करने के निहित स्वार्थ के साथ काम करने वाले लोगों के खिलाफ युवाओं को जागरूक किए जाने की जरूरत है कि वे ऐसे लोगों के कहने या भ्रम में ना आएं।’ उन्होंने कश्मीर घाटी में हालात के जल्द ही सामान्य होने की आशा प्रकट की।

घाटी में अशांति भड़काने के लिए केंद्रीय मंत्री सिंह ने पाकिस्तान पर भी हमला बोला। मंत्री ने कहा, ‘श्रीनगर की गलियों के आम लोग हिंसा नहीं चाहते हैं लेकिन पाकिस्तान प्रायोजित मुट्ठी भर लोग युवाओं को उकसा रहे हैं और कश्मीर घाटी में उपद्रव पैदा कर रहे हैं।’ हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के एक मुठभेड़ में मारे जाने के एक दिन बाद यानी नौ जुलाई से कश्मीर घाटी में जारी अशांति में अब तक दो पुलिसकर्मियों समेत 68 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं।