भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कश्मीर मुद्दे पर फेल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार के पास कश्मीर, पाकिस्तान और चीन के लिए कोई नीति नहीं है। पूर्व मंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक को फेक बताया हुए इसे ‘फर्जिकल स्ट्राइक’ बताया है। आरोप लगाया कि सरकार चुनाव जीतने के लिए हिंदू-मुसलमानों को बांट रही है। दरअसल अरुण शौरी कश्मीर मुद्दे पर विवादित बयान देने वाले पूर्व मंत्री और कांग्रेस तनेता सैफुद्दीन सोज की नई किताब के लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे थे। किताब सोमवार (25 जून, 2018) को रिलीज हुई है। अरुण शौरी ने इस दौरान चुटकी लेते हुए कहा कि खान साहब (नवाज शरीफ) ने कहा कि देसी घी का खाना बना है और हम पहुंच गए। उन्होंने कहा कि, ‘सरकार सबका साथ सबका विकास नहीं कर पाई इसिलए हिंदु-मुस्लिमों में बांटा जा रहा है।’

बता दें कि सैफुद्दीन सोज की किताब ‘कश्मीर: इतिहास की झलक और संघर्ष की कहानी’ के लोकार्पण कार्यक्रम से कांग्रेस ने दूरी बनाए रखी। न्योता स्वीकार करने के बाद भी कार्यक्रम में पी चिदंबरम शामिल नहीं हुए। चिदंबरम को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश इसमें शामिल हुए। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पुस्तक को लेकर खड़े हुए विवाद को देखते हुए यह राय बनी कि चिदंबरम को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए। यही कारण था कि पहले निमंत्रण स्वीकार करने के बावजूद चिदंबरम विमोचन समारोह में नहीं पहुंचे।

कार्यक्रम के दौरान सोज ने कहा कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के विचार का समर्थन नहीं किया। उन्होंने काह कि कश्मीर की आजादी संभव नहीं है। इसे भारतीय संविधान के तहत अपने साथ समाहित करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर भारत को पहचानने की प्रयोगशाला है और हिंसा से कोई समाधान नहीं निकलेगा, बल्कि बातचीत की एकमात्र उम्मीद है।

दिग्गज प्रकार कुलदीप नैय्यर, जो उस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के प्रेस ऑफिसर थे, कहते हैं कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद शास्त्री ने कहा था कि अगर पाकिस्तान हमारे समर्थन में मदद के लिए आता…उनके सिपाहियों और हमारे सिपाहियों का खून बहता। बाद में पाकिस्तान कश्मीर मांगता तो ना करना मुश्किल होता।