कश्मीर घाटी में शनिवार (10 सितंबर) को हुई ताजा हिंसा में दो और आम लोगों की जान चली गई। दोनों की मौत के बाद 8 जुलाई से अबतक घाटी में 77 लोगों की मौत हो चुकी है। ताजा घटना पर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दुख भी जाहिर किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या कहूं। मैं बहुत दुखी हूं क्योंकि सोफिन में एक लड़का जो कि पत्थर फेंक रहा था वह मारा गया है। मैं काफी दुखी हूं।’ दरअसल, शनिवार को टकरो नाम के गांव में लोग अपनी ‘आजादी’ के लिए रैली निकालने वाले थे। इसके लिए सुरक्षा बल के जवानों और पुलिस ने टकरो गांव में रेड की थी। वहां पर 26 साल के शाहर अहमद शेख नाम के शख्स को आंसू गैस का गोला सिर पर आकर लग गया। घायल हालत में हॉस्पिल लाया गया लेकिन तबतक वह मर चुका था। टकरो गांव के लोगों का आरोप है कि पुलिस ने रैली में आए लोगों पर पेलेट और आंसू गैस से हमला कर दिया था। जिसमें 40 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों के पेलेट से चोटें लगी थीं। एक सीनियर अधिकारी ने भी बताया कि जिले के विभिन्न हॉस्पिटल में लगभग 37 लोग घायल हालत में लाए गए थे। वहीं पुलिस अधिकारी ने सफाई दी कि उस इलाके में धारा 144 लगी हुई थी और पत्थर फेंकने वाले लोगों को वहां से हटाने के लिए कार्रवाई की गई थी।
इस घटना के आधे घंटे के अंदर ही अनंतनाग में भी एक युवक की मौत हो गई। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि सुरक्षा बल के जवान द्वारा पेलेट लगने से शख्स की मौत हुई थी। उस शख्स का नाम यावर मुशताक था। वह कुल 25 साल का था। यावर के पेट और सीने पर पेलेट लगी थी।
कश्मीर में हालात हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद बिगड़े थे। वहां अबतक 77 लोग मर चुके हैं और 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इसमें फोर्स के लोग भी शामिल हैं। विरोध कर रहे लोग लगातार पुलिस और सेना को निशाना बना रहे हैं।
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