कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की नई किताब ‘फेबल्स ऑफ फ्रैक्चर्ड टाइम्स’ के लॉन्च के मौके पर जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला के व्यक्तित्व का एक अलग पहलू देखने को मिला। कार्यक्रम में अब्दुल्ला ने अपनी चुटीली टिप्पणियों से सुर्खियां बटोरीं। उनकी टिप्पणियां राजनीतिक मुद्दों पर आधारित थीं, जिसपर श्रोताओं ने खूब मजे लिए। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम डेल्ही कॉन्फिडेंशल के मुताबिक, अब्दुल्ला से बीजेपी महासचिव राम माधव के उस बयान पर राय मांगी गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि नैशनल कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियां पाकिस्तान से निर्देश ले रही हैं। अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमारे गवर्नर ऑफिस में लगी फैक्स मशीन काम नहीं करती। ऐसे में हम पाकिस्तान से निर्देश कैसे लें?’
एनडीए सहयोगी जेडीयू के नेता पवन वर्मा ने कहा कि भले ही उनकी पार्टी का बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन हो, लेकिन सेक्युलेरिज्म पर उनकी पार्टी का रुख बिलकुल नहीं बदला है। अब्दुल्ला ने उनपर तंज कसते हुए कहा, ‘ऐसे में उन्हें छोड़ दीजिए और हमें जॉइन कर लीजिए।’ हालांकि, अब्दुल्ला के उस बयान पर ज्यादा तालियां बजीं जब उन्होंने यूपीए शासनकाल में अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित न किए जाने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने बगल में बैठे मनमोहन सिंह से कहा, ‘मेरे ऐसा कहने का बुरा मत मानिएगा। मुझे उम्मीद है कि वे आपको भारत रत्न देंगे।’ अब्दुल्ला के इस बयान पर मनमोहन बस मुस्कुराकर रह गए।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक द्वारा राज्य की विधानसभा भंग करने के फैसले पर राजनीति काफी तेज हो गई है। 21 नवंबर को पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन ने राज्य में सरकार बनाने का दावा किया था। मुफ्ती का आरोप है कि उनके सरकार बनाने के दावे को लेकर गवर्नर ऑफिस ने न तो फोन कॉल्स का जवाब दिया और न ही फैक्स का। इस मुद्दे पर सत्यपाल मलिक ने सफाई देते हुए कहा था कि उस दिन ईद की छुट्टी थी, इसलिए दफ्तर बंद था। यहां तक कि उनका रसोइया भी छुट्टी पर था।