जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने देश के बंटवारे पर विवादित बयान दिया है। फारूक ने कहा है कि देश के बंटवारे के लिए जिन्ना जिम्मेदार नहीं थे। उन्होंने भारत के बंटवारे के लिए जवाहर लाल नेहरु, मौलान अब्दुल कलाम अजाद और सरदार पटेल को जिम्मेदार ठहराया है। फारूक अब्दुल्ला ने एक कार्यक्रम में कहा कि, ” जिन्ना साहब पाकिस्तान बनाने वाले नहीं थे, कमीशन आया, उसमें फैसला किया गया हिन्दुस्तान को नहीं बांटेगे, हम मुसलमानों के लिए विशेष प्रतिनिधित्व रखेंगे, अल्पसंख्यकों,सिखों के लिए विशेष व्यवस्था होगी, मगर मुल्क को डिवाइड नहीं करेंगे।” नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि कमीशन के फैसले को नेहरू और पटेल ने नहीं माना। अब्दुल्ला ने कहा कि कमीशन के इस फैसले को जिन्ना मान गये, लेकिन नेहरू, मौलाना आजाद और सरदार पटेल नहीं माने, जब ये नहीं हुआ तो जिन्ना ने फिर से पाकिस्तान बनाने की बात कर दी, नहीं तो ऐसा मुल्क कहीं नहीं होता, आज ना बांग्लादेश होता, ना पाकिस्तान होता, एक भारत होता।”
#BREAKING: Farooq Abdullah shocks again, backs Jinnah, blames Nehru and Sardar Patel for partition. LISTEN IN as @pradeepdutta20 gives us more details pic.twitter.com/3RmDyWj3vz
— TIMES NOW (@TimesNow) March 4, 2018
बीजेपी ने फारूक अब्दुल्ला के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि अब्दुल्ला को फिर से इतिहास पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, “इतिहास में कई जगह ऐसे संदर्भ मिलते हैं जो इशारा करते हैं कि महात्मा गांधी ने खुद सुझाव दिया था कि अगर जिन्ना पाकिस्तान की मांग को वापस ले लेते हैं तो वह कांग्रेस को इस बात मनाएंगे कि जिन्ना को अविभाजित भारत का प्रधानमंत्री बनाया जाए।” जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जिन्ना ने इस प्रस्ताव को कबूल नहीं किया, क्योंकि शायद उन्हें लगता था कि बतौर प्रधानमंत्री उन्हें भारत में स्वीकार्यता नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा, ” जिन्ना इस प्रस्ताव से प्रभावित नहीं दिखे, नेहरू भी पीएम बनने की जल्दबाजी में थे, नेशनल कॉन्फ्रेंस के बड़े नेता शेख अब्दुल्ला ने भी कई अवसरवादी समझौते किये।”
He is reqd. to reread history. We have references which indicate that Mahatma Gandhi himself had suggested to Jinnah that if he agrees to withdraw demand of Pakistan’s creation,Gandhi would persuade Cong to accept Jinnah as PM of undivided India: Jitendra Singh on Farooq Abdullah pic.twitter.com/Ij7v94DeDk
— ANI (@ANI) March 4, 2018
But Jinnah wasn’t impressed by the suggestion possibly because he felt it wasn’t easy for him to gain acceptability as India PM.Nehru was also in hurry to take over as PM.Lot of opportunistic adjustments were done by patriarch of National Conference Sheikh Abdullah:Jitendra Singh pic.twitter.com/QpsuhH7Qwh
— ANI (@ANI) March 4, 2018