जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को अनंतनाग के मट्टन में आठवीं शताब्दी के मार्तंड सूर्य मंदिर के खंडहरों में पूजा-अर्चना की। लेकिन उपराज्यपाल द्वारा ऐसा किए जाने के एक दिन बाद इस मामले पर विवाद शुरू हो गया है। सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सोमवार को जिला प्रशासन से इसके सम्बन्ध में चिंता व्यक्त की।

सूत्रों ने बताया कि एएसआई (जो संरक्षित स्मारक का संरक्षक है) ने प्रशासन से कहा कि ये नियमों का उल्लंघन है। हालांकि एएसआई ने औपचारिक रूप से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। एएसआई जो संस्कृति मंत्रालय के तहत कार्य करती है, उसने बताया कि परिसर में एक धार्मिक समारोह आयोजित करने के लिए उनसे कोई पूर्व में अनुमति नहीं ली गई थी और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह का उल्लंघन दोहराया न जाए।

नाम न छापने की शर्त पर बात एएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एएसआई द्वारा संरक्षित स्थलों पर प्रार्थना की अनुमति तभी दी जाती है, जब एजेंसी ने कार्यभार संभाला हो। वहीं इस मामले पर बात करने के लिए अनंतनाग के कमिश्नर पीयूष सिंगला ने द इंडियन एक्सप्रेस के कॉल और टेक्स्ट मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया।

बता दें कि मंदिर में दर्शन करने के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट कर लिखा था, “मार्तंड सूर्य मंदिर, मट्टन, अनंतनाग में शुभ नवग्रह अष्टमंगलम पूजा में भाग लिया। ईश्वरीय वातावरण में वास्तव में एक दिव्य अनुभव है। सरकार सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के प्राचीन स्थलों की रक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्हें जीवंत केंद्रों में बदलना जो हमें धार्मिकता के मार्ग पर ले जाएंगे और इस खूबसूरत भूमि को शांति, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देंगे।”

सोमवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर लिखा, “कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग में मार्तंड सूर्य मंदिर के खंडहर में पूजा करते हुए देखकर खुशी हुई। नवग्रह अष्टमंगलम पूजा भारतीय समन्वयवाद और बहुलवाद का एक शक्तिशाली संदेश देती है।”