कश्मीर में इन दिनों एक पत्रकार की तरफ से राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लिखा गया एक खुला खत खासा सुर्खियों में है। पत्रकार ने श्रीनगर के अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाया है। पत्रकार आबिद सोफी का कहना है कि इलाज नहीं मिलने के चलते उसकी पत्नी के गर्भ में पल रहे जुड़वां बच्चों की मौत हो गई। सोफी ने यह आरोप भी लगाया कि अस्पताल में जब उनकी पत्नी ने डॉक्टर से पूछने की कोशिश की तो उन्हें चांटा मार दिया गया। यह घटना 29 जून की बताई जा रही है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सोफी ने कहा, ‘अस्पताल में ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने मेरी पत्नी की कोई भी जांच किए बिना ही बच्चों को मृत घोषित कर दिया। जब मेरी पत्नी ने कहा कि उसे हलचल महसूस हो रही है और जब मेरी सास ने भी यही बात दोहराई तो डॉक्टर ने उन्हें चिल्लाकर चुप करा दिया। जब-जब मैंने कमरे में जाने की कोशिश की मुझे धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया। जब डिलिवरी हुई तब भी बच्चे जिंदा थे लेकिन किसी ने उनकी देखरेख नहीं की।’ एक जूनियर डॉक्टर के कहने पर बच्चों को आईसीयू में भेजा गया। जब दो नवजात मरने की कगार पर थे तब डॉक्टरों ने मेरी पत्नी और बच्चों के खून से अपने कपड़े खराब होने की शिकायत की।

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सोफी ने कहा, ‘दूसरा बच्चा भी जिंदा था, जब मेरी पत्नी ने उसे बचाने की अपील की तो डॉक्टरों ने उसे प्रताड़ित किया। इससे घबराई मेरी पत्नी ने अब डॉक्टर के पास जाने से ही मना कर दिया। जब मैंने बच्चों की सेहत के बारे में पूछा तब जाकर मुझे पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है।’ सोफी ने डॉक्टरों की आपसी बातचीत, हावभाव और पत्नी को दिए गए इंजेक्शन की जानकारी न देने को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई है। आबिद सोफी ने एक अन्य महिला के बच्चे की भी ट्रे से फिसलने के चलते मौत होने की बात कही।