जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक द्वारा विधानसभा भंग करने के बाद प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं। विधानसभा के भंग होने के कारण अब चुनाव के बाद ही सरकार बनाना संभव हो सकेगा। ऐसे में अब चुनाव को लेकर सर्वे और कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। ‘टाइम्‍स नाउ’ न्‍यूज चैनल ने ऐसा ही एक सर्वे कराया है। इसके मुताबिक, जम्‍मू-कश्‍मीर में आज के दिन चुनाव होने की स्थिति में वर्ष 2014 के चुनावों की तरह ही त्रिशंकु विधानसभा के आसार हैं। उमर अब्‍दुल्‍ला की नेशनल कांफ्रेंस को सबसे ज्‍यादा फायदा हो सकता है। वहीं, बीजेपी और पीडीपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस को भी सीटों का नुकसान झेलना पड़ सकता है।

NC को 16 सीटों का फायदा होने की संभावना: वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में पीडीपी 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई थी। बीजेपी को 25 सीटें हासिल हुई थीं। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस को क्रमश: 15 और 12 सीटें हासिल हुई थीं। ‘टाइम्‍स नाउ’ पर प्रसारित सर्वे के अनुसार, आज के दिन चुनाव होने पर NC को 16 सीटों का फायदा हो सकता है। रायशुमारी में NC को कुल 31 सीटें आने की संभावना जताई गई है। पीडीपी को 12 सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस सर्वे में महबूबा मुफ्ती की पार्टी को सिर्फ 16 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। 25 सीटें हासिल करने वाली बीजेपी को 2 सीटों का नुकसान हो सकता है। पिछले चुनाव में 12 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस महज 7 सीटों पर सिमट सकती है। अन्‍य को 10 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। बता दें कि जम्‍मू-कश्‍मीर विधनसभा में कुल 89 सीटें हैं।

बता दें कि जम्‍मू-कश्‍मीर में राजनीतिक घटनाक्रम ने अचानक से करवट ली है। महबूबा मुफ्ती की पीपुल्‍स डेमोक्रेटिक पार्टी और बीजेपी की गठबंधन सरकार गिरने के तकरीबन साढ़े पांच महीने बाद सियासी माहौल गरमा गया है। पीडीपी ने सबसे पहले 21 नवंबर को सरकार बनाने का दावा पेश किया था। पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक को लिखे पत्र में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस का समर्थन हासिल होने का भी दावा किया था। लेकिन, कुछ घंटों बाद राज्‍यपाल ने विधानसभा ही भंग कर दी थी। सज्‍जाद लोन ने भी राज्‍यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार बनाने का दावा किया था।