जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की धमकी के बाद पुलिसकर्मियों के द्वारा इस्तीफा दिए जाने की खबरों का कश्मीर पुलिस और केंद्र सरकार ने खंडन किया है और उन्हें मनगढ़ंत बताया है। शुक्रवार (21 सितंबर) को शोपियां जिले में तीन पुलिसकर्मियों के शव बरामद हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकवादियों ने पुलिसवालों को उनके घर से गुरुवार (20 सितंबर) को अगवा किया और हत्या कर दी। हाल में आतंकवादियों की तरफ से पुलिसवालों को धमकी भरा संदेश जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि जवान या तो नौकरी छोड़ें या मरें। शुक्रवार को पुलिसकर्मियों की हत्या की खबर सामने आने के बाद मीडिया और सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें चलने लगीं कि पुलिस के जवान दहशत में इस्तीफा दे रहे हैं। कितने पुलिसकर्मियों ने इस्तीफा दिया, इसे लेकर भी अलग-अलग आंकड़े बताए जाते रहे। कश्मीर पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर अपलोड वीडियो में विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) को इस्तीफा देने का दावा करते हुए दिखाया जाना मनगढ़ंत है।

कश्मीर पुलिस के बयान के मुताबिक, ”एसपीओ की सेवा की समय-समय पर समीक्षा की जाती है और इस समीक्षा के आधार पर एसपीओ को सेवा से मुक्त किया जाता है। सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो मनगढ़ंत हैं।” पुलिस ने कहा, “आतंकियों द्वारा तीन एसपीओ की हत्या करने के बाद किसी पुलिसकर्मी ने इस्तीफा नहीं दिया है।” पुलिस ने यह भी कहा कि कश्मीर पुलिस ने दक्षिण कश्मीर में छुट्टी पर गए सभी पुलिसकर्मियों को तुरंत काम पर लौटने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में पुलिसकर्मियों को अगले आदेश तक घर नहीं जाने का निर्देश दिया गया है।

बता दें कि गृह मंत्रालय की ओर से भी ट्वीट कश्मीर पुलिस के बयान की पुष्टि की गई है। ग्रह मंत्रालय के ट्वीट में लिखा गया, ”मीडिया के एक धड़े में कुछ खबरें देखी गई हैं जिनमें कहा गया है कि कुछ एसपीओ ने जम्मू-कश्मीर में इस्तीफा दे दिया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुष्टि की है कि ये खबरें असत्य और प्रेरित हैं। ये खबरें शरारती तत्वों द्वारा झूठे प्रचार पर आधारित हैं।’