Jammu Kashmir Earthquake Today: जम्मू-कश्मीर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। पहाड़ी राज्य में इस भूकंप की वजह से लोग खासा डर गए और अपने घर से बाहर निकले। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान बताया जा रहा है जहां पर 5.9 तीव्रता के झटके से धारी कांपी है। अब क्योंकि अफगानिस्तान, जम्मू-कश्मीर के भी करीब पड़ता है, ऐसे में वहां भी भूकंप के तेज झटके महसूस हुए। राहत की बात यह है कि किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है, कोई हताहत नहीं हुआ है।
अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है। भूकंप की गहराई धरती से 86 किलोमीटर पर थी, इसी वजह से झटके ज्यादा तेज महसूस हुए। अब जम्मू-कश्मीर में एक हल्के भूकंप का आना भी लोगों को खौफजदा कर जाता है, इसका प्रमुख कारण यह रहता है कि घाटी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील मानी जाती है, यहां पर एक बड़े भूकंप का अंदेशा हमेशा बना रहता है।
कौन सा भूकंप कितना ताकतवर?
भारत का 59 फीसदी हिस्सा भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है, यहां भी नवंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच में कुल 159 भूकंप आ चुके हैं। Bureau of Indian Standards (BIS) ने भारत को भूकंप के लिहाज से 4 जोन में बांट रखा है, इसे Seismic Zone भी कहा जाता है।
Seismic Zone | Risk Level | Major Areas |
Zone V | Highly active | हिमालयी क्षेत्र, उत्तर-पूर्व, कच्छ, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह |
Zone IV | High | दिल्ली, जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्से, हरियाणा, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश |
Zone III | Moderate | महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल |
Zone II | Low | डेक्कन प्लेट्यू, मध्य भारत |
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भूकंप से निपटने के लिए क्या कदम?
अब भारत की तमाम सरकारों को इस बात का अहसास है कि देश में एक तेज तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है। ऐसे में कई कदम उठाए गए हैं। उदाहरण के लिए 2014 तक अगर सिर्फ 80 Seismic Observatories रहती थीं, 2025 तक वो आंकड़ा बढ़कर 168 हो चुका है। इसी तरह पूरे देश में Earthquake Early Warning System शुरू करने की तैयारी है। उत्तराखंड में तो साल 2021 में ही Earthquake Early Warning System आ चुका है। जो भी इसकी फाइडिंग होती है, उसे BhuDEV (Bhukamp Disaster Early Vigilante) ऐप पर भेजा जाता है। इस बारे में और जानने के लिए जनसत्ता की एक्सप्लेनर खबर का रुख करें