जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बांटने के सरकार के कदम पर कांग्रेस के रुख का विरोध करने वाले पार्टी नेताओं की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं मुख्य सचेतक भुवनेश्वर कालिता ने सोमवार पार्टी के रुख का विरोध करते हुए सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने कालिता का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
‘देश का मिजाज बदल चुका है’: कालिता का कहना है कि उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों के तौर पर बांटने के कदम पर कांग्रेस के रुख के विरोध में इस्तीफा दिया है। उन्होंने एक पत्र में कहा, ‘मुझे पार्टी की ओर से व्हिप जारी करने को कहा गया था लेकिन यह सच है कि देश का मिजाज पूरी तरह बदल चुका है। यह व्हिप देश की जनभावना के खिलाफ है।’
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‘नेहरू ने भी किया था विरोध’: कालिता ने कहा कि जहां तक अनुच्छेद 370 की बात है तो पंडित जवाहरलाल नेहरू ने खुद इसके विरोध में कहा था, ‘अनुच्छेद 370 एक दिन घिसते-घिसते पूरी तरह घिस जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘आज की कांग्रेस की विचारधारा से लगता है कि वह आत्महत्या कर रही है। मैं इसमें कांग्रेस का भागीदार नहीं बनना चाहता हूं। मैं इस व्हिप का पालन नहीं करूंगा और इस्तीफा देता हूं।’ कालिता ने यह दावा भी किया कि अब कांग्रेस को तबाह होने से कोई नहीं बचा सकता। गौरतलब है कि कालिता से पहले पार्टी के रुख का विरोध करने वालों में हरियाणा कांग्रेस के नेता दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस के दिग्गजों में शुमार जनार्दन द्विवेदी, सोनिया की करीबी रायबरेली विधायक अदिति सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हो चुके हैं।