J&K Waqf Board: जम्मू और कश्मीर वक्फ बोर्ड ने बोर्ड के संचालित मंदिरों और मस्जिदों में ट्रस्टियों के दिए गए चंदा लेने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। वक्फ बोर्ड ने स्थानीय रूप से मुत्तावली के नाम से जाने जाने वाले ट्रस्टियों के किए गए संग्रह को एक अनैतिक प्रथा बताते हुए कहा कि कथित भ्रष्टाचार के बारे में लोगों की शिकायतों के बाद ये प्रतिबंध लगाया गया था। चंदा इकट्ठा करना एक पारंपरिक प्रणाली है जो सदियों से जम्मू-कश्मीर में चलन में है। बोर्ड ने कहा ट्रस्टियों से चंदा लेने पर गुरुवार (18 अगस्त) से प्रतिबंध लगा दिया गया और ट्रस्टियों की दान को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड पूरे UT में धर्मस्थलों, मस्जिदों और शैक्षणिक संस्थानों सहित लगभग 32,000 संपत्तियों की देखभाल करता है। ये एक अर्ध-सरकारी संगठन है इसका नेतृत्व इसके चुने गए अध्यक्ष करते हैं जो एक सरकार का नियुक्त किया गया व्यक्ति होता है। वक्फ बोर्ड का मौजूदा अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के दर्शन अंद्राबी हैं।
जियारतों में जबरन चंदा लेने की मिली थी शिकायतें
आदेश में कहा गया है, “जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड को कुछ लोगों के खिलाफ ज़ियारतों (मंदिरों) में जबरन चंदा प्राप्त करने के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं। ऐसी प्रक्रियाओं से आर्थिक रूप से मजबूत लोग धर्मस्थलों में विशेष स्थानों पर स्थायी रूप से कब्जा कर रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां से ज्यादा से ज्यादा धन इकट्ठा करने के लिए अनुबंधित किया जा रहा है, जो कि ज़ियारत की पवित्रता का उल्लंघन करता है। ”
ऐसी अनैतिक प्रथाएं पवित्र स्थानों की पवित्रता को नष्ट करती हैं
इस आदेश में कहा गया कि इस तरह की अनैतिक प्रथाएं ऐसे पवित्र स्थानों की पवित्रता को नुकसान पहुंचाती हैं और जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड के पहले से ही तनावपूर्ण वित्त के लिए हानिकारक है। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि ऐसे लोगों को बार-बार इन गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी दी गई थी। केंद्र शासित प्रदेश के तत्काल प्रभाव से लागू किए जाने वाले आदेश में कहा गया है, “अब जम्मू-कश्मीर के मंदिरों में ऐसी सभी अनैतिक प्रथाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है। “