जम्मू कश्मीर में एक नया गठबंधन बना है, जो भविष्य में सीएम उमर अब्दुल्ला और उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए चुनौती बन सकता है। सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, हकीम यासीन की पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट और 2024 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले जमात-ए-इस्लामी गुट ने केंद्र शासित प्रदेश में एक राजनीतिक गठबंधन बनाने के लिए हाथ मिलाया है। गठबंधन को पीपुल्स अलायंस फॉर चेंज (PAC) नाम दिया गया है।

सज्जाद लोन ने किया ऐलान

सज्जाद लोन ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की। उनके साथ यासीन और जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट (JDF) के संस्थापक अध्यक्ष शमीम अहमद थोकर भी थे। JDF एक राजनीतिक दल है जिसे जमात-ए-इस्लामी गुट ने बनाया है। इसने पिछले साल के विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार उतारे थे।

सज्जाद लोन ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बहुत कष्ट सहे हैं और हम बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गठबंधन ने बंजर राजनीतिक परिदृश्य में अच्छा विकल्प” पेश किया है।” वहीं थोकर ने कहा कि हम अकेले सफल नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि लोगों की प्रभावी ढंग से सेवा करने के लिए एकता होनी चाहिए। हालांकि गठबंधन के सहयोगियों की जमीनी स्तर पर मौजूदगी कम है, लेकिन उनकी साझेदारी कुछ सीटों पर चुनावी संतुलन बिगाड़ सकती है।

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जानें कैसा है ट्रैक रिकॉर्ड

सज्जाद लोन की हंदवाड़ा सीट एकमात्र सीट थी जिसे उनकी पार्टी ने 2024 के विधानसभा चुनावों में जीता था। जमात समर्थित उम्मीदवार 10 सीटों पर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के बावजूद एक भी सीट जीतने में विफल रहे। यासीन (जिन्होंने पहले खानसाहिब विधानसभा सीट पर दो बार निर्दलीय के रूप में जीत हासिल की थी) 2024 के चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस से हार गए।

सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस का प्रभाव कुछ क्षेत्रों में है, खासकर सीमावर्ती जिले कुपवाड़ा और बारामुल्ला के पट्टन में। जमात की कश्मीर घाटी में मौजूदगी है। हालांकि, यह देखना होगा कि जमात के कार्यकर्ता और उसके समर्थक जेडीएफ के पीछे खड़े होते हैं या नहीं। जमात के कई वरिष्ठ नेता और उसके कार्यकर्ता जेडीएफ को घाटी में खुफिया एजेंसियों की उपज के रूप में देखते हैं और उन्होंने खुद को पार्टी से दूर कर लिया है।

जम्मू कश्मीर का नया गठबंधन उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के लिए कितनी बड़ी मुसीबत बनेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। हालांकि इतना जरूर है कि इस गठबंधन के बनने से दोनों दलों की नेता थोड़े चिंता में जरूर होंगे।