जम्मू-कश्मीर में ट्रैफिक सुधारने को लेकर उठाए गए कदमों की वजह से तारीफ बटोर चुके आईजी (ट्रैफिक) बसंत रथ को मंगलवार (13 नवंबर) को उनके पद से हटा दिया गया। अगले आदेश तक उन्हें ऑफिस ऑफ कमांडेंट जनरल, होम गार्ड्स, सिविल डिफेंस ऐंड स्टेट डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (SDRF) से अटैच कर दिया गया है। राज्य के प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम आरके गोयल की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, रथ की जगह आईजी सिक्युरिटी आलोक कुमार लेंगे। रथ के ट्रांसफर का आदेश ऐसे वक्त में आया है, जब इस मशहूर पुलिस अफसर की टि्वटर पर श्रीनगर के मेयर जुनैद मट्टू के साथ बहस हो गई थी। मट्टू हाल ही में श्रीनगर के मेयर चुने गए हैं। शहर के ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर दोनों में बहस हुई थी।
श्रीनगर के मेयर का पद संभालने के बाद मट्टू ने टि्वटर पर दावा किया था कि उन्हें शहर में ट्रैफिक के गलत प्रबंधन से जुड़ीं कई सारी शिकायतें मिली हैं। मट्टू के मुताबिक, उन्होंने एसपी श्रट्रैफिक (शहरी) से इस बारे में बात की है और ट्रैफिक डायवर्जन और यातायात संबंधित अन्य योजनाओं की समीक्षा करने को कहा है। रथ ने पलटवार करते हुए कहा था, ‘जहांगीर चौक पर ट्रैफिक का डायवर्जन एक मजबूरी है। खोमचे वालों ने अमीरा कदाल-एचएसएचएस-महाराजा बाजार-एलडी हॉस्पिटल वाले रूट पर समस्या खड़ी कर रखी है। श्रीनगर नगर निगम को इस समस्या को दूर करना चाहिए।’ यह भी कहा जा रहा है कि रथ ने अप्रत्यक्ष तौर पर मट्टू को cabbage यानी गोभी कहा, जिसके बाद टि्वटर पर कई तरह के मीम्स और जोक्स बननने लगे।
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है कि रथ अपने बयानों और काम करने के तरीकों की वजह से विवाद में फंसे हैं। हाल ही में उनपर आरोप लगे थे कि उन्होंने एक मीडियाकर्मी से बदसलूकी की और उसका मोबाइल फोन छीन लिया। इसे लेकर उनके खिलाफ प्रदर्शन भी हुए थे। सीनियर पुलिस अफसरों की दखल के बाद रथ ने मीडियाकर्मी से माफी मांग ली थी। इसी साल फरवरी में तत्कालीन डीजीपी एसपी वेद ने ट्रैफिक कंट्रोल करने के ‘अजीबोगरीब तरीकों’ के लिए रथ को निशाने पर लिया था।