राजस्थान का शहर जयपुर। अपनी सुंदरता और आकर्षण के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। क्या आप जयपुर घूमना चाहते हैं? या घूम तो चुके हैं लेकिन सिर्फ नामी जगहों पर गए हैं और लौट आए हैं? हम यहां आपको बताएंगे जयपुर के वो ठिकाने जहां जाने से शायद आप चूक गए होंगे। आपने जयपुर में आमेर का किला देखा होगा, आप हवामहल गए होंगे, आपने पानी के बीच बने ‘जलमहल’ को निहारा होगा। इन सबके अलावा भी जयपुर में बहुत कुछ है, जहां आप घूम सकते हैं।
क्या आपने जयपुर की ‘चारदीवारी’ का सफर किया है?
हम कहीं भी घूमने जाने से पहले दिमाग में उस शहर की कुछ खास लोकेशन बैठा लेते हैं, जयपुर के मामले में आपको ऐसा नहीं करना है। अधिकतर लोग जयपुर में होते हुए असल जयपुर तो देख तक नहीं पाते हैं। पुराना जयपुर चारदीवारी से घिरा एक शहर है। जिसकी दीवारें गेरुआ रंग से पुती हुई हैं। हर बाज़ार का नक्शा एक सा है। जहां की चकाचौंध में आप खो सकते हैं। जहां मसालों की सुगंध, गाड़ियों का शोर, मंदिरों की घंटियां, मस्जिदों की मीनारें, और दूर से झांकता हवामहल दिखाई पड़ता है।
चारदीवारी के भीतर राजस्थानी संस्कृति का अक्स दिखाई देता है। जहां आप जी भर कर शॉपिंग कर सकते हैं। अलग-अलग स्वाद चख सकते हैं। जयपुर की प्रसिद्ध मिठाइयों, चाय का मज़ा ले सकते हैं। इस चारदीवारी के भीतर ही जयपुर के सभी खास बाज़ार-जोहरी बाज़ार,बापू बाज़ार,चांदपोल बाज़ार,माजूद है। यहीं हवामहल, जंतर मंतर,सिटी प्लेस है। यहीं सरगासूली की मीनार है। यहां कई म्यूज़ियम अतीत की यादें संजोए बैठे हैं। कई पानी के कुंड और पुरानी हवेलियां आपकी राहत तक रही हैं।
नाहरगढ़ की ऊंचाई, जयगढ़ की सुंदरता
आमेर से ठीक पहले नाहरगढ़ का रास्ता गुज़रता है। जिसे जयपुर के लोग 52 मोड़ कहते हैं। किले की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए 52 मोड़ पार करने होते हैं। यह काफी रोमांचकारी अनुभव है। नाहरगढ़ एक बेहद खूबसूरत किला है। जहां राजघराने के लोग शहर से दूर शांति के लिए आया करते थे। यह किला सनराइज़ और सनसेट के लिए भी प्रसिद्ध है। जहां बड़ी तादाद में पर्यटक उमड़ते हैं। इसके उल्टी तरफ जयगढ़ का किला है, जहां जयबाण तोप काफी आकर्षण का केंद्र है। जयगढ़ किला सुबह 9:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुलता है। जयपुर इससे आगे भी बहुत कुछ है, आज सिर्फ इतना ही, कुछ और जगहों की जानकारी अगले आर्टिकल में दी जाएगी।