जम्‍मू-कश्‍मीर में आजकल एक पुलिस अधिकारी की खूब तारीफ हो रही है। कानून को लागू कराने की उनकी प्रतिबद्धता को देखते हुए लोग उनकी तुलना ‘सिंघम’ और ‘दबंग’ जैसे फिल्‍मी कैरेक्‍टरों से करने लगे हैं। जी हां! यह कोई और नहीं वर्ष 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी बसंत रथ हैं। उन्‍होंने तकरीबन दो सप्‍ताह पहले ही जम्‍मू-कश्‍मीर में आईजी (ट्रैफिक) की कमान संभाली है। यातायात नियमों का उल्‍लंघन करने पर आमलोगों की तो छोड़िए वह पुलिसकर्मियों को भी नहीं छोड़ते हैं। कुछ दिनों पहले उन्‍होंने जम्‍मू शहर के बिकराम चौक पर बिना रजिस्‍ट्रेशन नंबर वाली पुलिस जिप्‍सी को सीज कर लिया था। बसंत रथ ट्रैफिक व्‍यवस्‍था को दुरुस्‍त करने के लिए दिलचस्‍प तरीके अपनाते रहते हैं। उन्‍होंने सोशल मीडिया में पोस्‍ट के जरिये वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारियों को ट्रैफिक नियमों के उल्‍लंघन को लेकर स्‍पष्‍ट शब्‍दों में चेतावनी दे डाली थी। उन्‍होंने ट्वीट कर लोगों को ट्रैफिक को लेकर शिकायतें, सुझाव या फीडबैक ट्रैफिक पुलिस के फेसबुक पेज पर डालने का आग्रह किया था। वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी ने अपना निजी ई-मेल आईडी तक जारी कर दिया था, ताकि लोग उन्‍हें व्‍यक्तिगत तौर पर अपनी शिकायतें भेज सकें। बसंत रथ ने कहा था कि वह प्रत्‍यके शिकायत पर कार्रवाई के लिए जवाबदेह होंगे। रथ ने वादा किया कि 90 दिनों के अंदर ट्रैपिक मैनेजमेंट के मामले में जम्‍मू और कश्‍मीर भारत के दो बेहतरीन शहर होंगे।

बसंत रथ पुलिसकर्मियों को कड़े शब्‍दों में आगाह किया था। एक पोस्‍ट में उन्‍होंने लिखा था, ‘मेरे वैसे सीनियर जो सोचते हैं कि मैं सिर्फ फेसबुक और ट्विटर पर ही सक्रिय हूं और जमीन पर काम करने की क्षमता नहीं है तो वे बिना हेलमेट के बाइक चलाने वाले अपने पीएसओ से इस बारे में पूछ सकते हैं। मैं उनका पूरा दिन बेकार कर दूंगा और आपका भी।’ बसंत रथ अपनी कथनी को करनी में भी तब्‍दील कर चुके हैं। उन्‍होंने हाल में ही जम्‍मू के गांधीनगर इलाके में ट्रैफिक नियमों को ताक पर रख कर ड्राइविंग करने के मामले में एक लग्‍जरी कार को जब्‍त किया था। कार सेना के एक अधिकारी का था। इस अफसर के पिता और ससुर आईपीएस अधिकारी हैं। बसंत सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने से भी नहीं घबराते हैं। कांग्रेस नेता उस्‍मान माजीद ने उनके एक पोस्‍ट को अभद्र और असंवेदनशील करार दिया था। उन्‍होंने आरोप लगाया था कि बसंत रथ गुंडा की तरह काम करते हैं। आईपीएस अधिकारी ने कांग्रेस नेता का नाम लिए बगैर कहा था, ‘मैं जम्‍मू में यातायात व्‍यवस्‍था और खुद में सुधार का वादा करता हूं।’