International Yoga Day 2025: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (IDY) 2025 के 11वें संस्करण की शुरुआत इस वर्ष बेहद जोश और ऊर्जा के साथ हुई है। इस विशेष मौके पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (All India Institute of Ayurveda – AIIA) ने न केवल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि योग के माध्यम से वैश्विक शांति और समग्र कल्याण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने में भी अहम योगदान दिया।

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) ने आयुष मंत्रालय द्वारा शुरू की गई 10 प्रमुख आयोजनों की पहल (10 Signature Events) के अंतर्गत दिल्ली और गोवा स्थित अपने परिसरों में कई योग-केंद्रित कार्यक्रमों की एक सशक्त श्रृंखला का आयोजन किया, जिनका अंतिम और सबसे प्रमुख कार्यक्रम “योग संगम” 21 जून 2025 को आयोजित किया गया।

International Yoga Day 2025: कॉमन योग प्रोटोकॉल पर आधारित एक साथ सामूहिक योग प्रदर्शन

इस आयोजन की खास बात यह रही कि देश के दो प्रमुख स्थानों पर एक साथ कॉमन योग प्रोटोकॉल (Common Yoga Protocol – CYP) पर आधारित सामूहिक योग प्रदर्शन हुआ। पहला आयोजन भारत के सर्वोच्च न्यायालय परिसर में और दूसरा केंद्रीय विद्यालय, एनटीपीसी ग्राउंड, बदरपुर (नई दिल्ली) में आयोजित किया गया, जिसका नेतृत्व अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली ने किया।

International Yoga Day 2025: “योग एवं आहार द्वारा असंक्रामक रोगों का प्रबंधन” पुस्तक विमोचन भी हुआ

स्वास्थवृत्त और योग विभाग द्वारा इस अवसर पर “योग एवं आहार द्वारा असंक्रामक रोगों का प्रबंधन” शीर्षक से एक महत्वपूर्ण पुस्तक का औपचारिक विमोचन किया गया। यह पुस्तक योग और आयुर्वेद की एकीकृत चिकित्सा पद्धति को रेखांकित करती है, जो बढ़ते असंक्रामक रोगों (NCDs) के समाधान में योग और आहार की वैज्ञानिक उपयोगिता को उजागर करती है। यह पुस्तक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, विद्वानों और आम जनता के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य करेगी और समग्र स्वास्थ्य के लिए प्रमाण-आधारित जीवनशैली अपनाने को प्रेरित करेगी।

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इस अवसर पर पांचजन्य के प्रधान संपादक हितेश शंकर (Hitesh Shankar) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य अखिलेश्वर झा (Akhileshwar Jha) विशेष अतिथि थे। इसके अलावा कई विशिष्ट अतिथि भी मौजूद रहे, जिनमें आयुष मंत्रालय के उप महानिदेशक डॉ. ए. रघु (Dr. A. Raghu), अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की प्रभारी निदेशक प्रो. डॉ. मंजुषा राजगोपाल (Prof. Dr. Manjusha Rajagopala), डीन पीएचडी प्रो. डॉ. महेश व्यास (Prof. Dr. Mahesh Vyas), डीन पीजी प्रो. डॉ. योगेश बडवे (Prof. Dr. Yogesh Badwe), स्वास्थवृत्त एवं योग विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर प्रो. डॉ. शिव कुमार हरती (Prof. Dr. Shiv Harti) और AIIA नई दिल्ली के अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्य शामिल थे।

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद अतिथि।

AIIA, दिल्ली द्वारा शनिवार को योग पार्क का भी उद्घाटन किया गया। यह विशेष स्थान योग की नियमित साधना को बढ़ावा देने तथा छात्रों, कर्मचारियों और समुदाय में समग्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने हेतु विकसित किया गया है। दिल्ली में आयोजित समारोह में 2,000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें छात्र, डॉक्टर, वकील, योग प्रेमी और स्थानीय निवासी शामिल थे।

International Yoga Day 2025: 2,000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) की निदेशक प्रो. डॉ. मंजुषा राजगोपाल (Prof. Dr. Manjusha Rajagopala) के नेतृत्व में कई प्रमुख गतिविधियां आयोजित की गईं:

  • योग समावेश: यह कार्यक्रम 3 दिवसीय अयंगर योग कार्यशाला (9–11 जून) और सतकर्म (17–18 जून) पर केंद्रित था। इसमें चिकित्सीय योग और आंतरिक शुद्धिकरण (Therapeutic Yoga and Internal Purification) को बढ़ावा दिया गया।
  • योग अनप्लग्ड (Yoga Unplugged): इस कार्यक्रम में युवाओं के लिए योगासन प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी और “वृद्धावस्था में योग” विषय पर विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें पीढ़ियों के बीच स्वास्थ्य के पुल को समझाने का प्रयास किया गया।
  • हरित योग (Green Yoga): 16 जून को आयोजित वृक्षारोपण अभियान में 100 से अधिक औषधीय पौधे लगाए गए, जिससे योग और प्रकृति के आपसी संबंध को मजबूती मिली।
  • सामयोग (Samyog): भगवद गीता पर आधारित व्याख्यान श्रृंखला की शुरुआत की गई, जिसमें शाश्वत योग शिक्षाओं की गहराई से व्याख्या की गई।
  • योग प्रभाव (Yoga Impact): इसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences – AIIMS) के विशेषज्ञों द्वारा आनुवंशिकी और सहज योग अभ्यासों पर विशेष व्याख्यान दिए गए, जिनका उद्देश्य भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना था।

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प्रो. डॉ. मंजुषा राजगोपाल ने अपने वक्तव्य में कहा, “योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह जीवन के संतुलन का दर्शन है। हमारा उद्देश्य आयुर्वेद, पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को एकजुट करके लोगों के स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन को बेहतर बनाना है।”

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) गोवा ने भी 10 सिग्नेचर इवेंट्स की इस श्रृंखला में सक्रिय रूप से भाग लिया। गोवा के विभिन्न विरासत स्थलों पर सामूहिक योग प्रदर्शन, जन-जागरूकता अभियान, चिकित्सा शिविर, स्कूलों में योग गतिविधियां और प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।

IDY 2025 का मुख्य आयोजन स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ गोवा के इनडोर स्टेडियम, पेडेम स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (Peddem Sports Complex), मापुसा (Mapusa) में आयोजित किया गया, जिसमें दो घंटे का जागरूकता कार्यक्रम और कॉमन योग प्रोटोकॉल (CYP) सत्र रखा गया। इस कार्यक्रम में गोवा खेल प्राधिकरण की कार्यकारी निदेशक गीता नागवेणकर (Geeta Nagvenkar) मुख्य अतिथि रहीं, जबकि सत्र की अध्यक्षता प्रो. डॉ. सुजाता कदम, डीन, AIIA गोवा ने की। गोवा बैडमिंटन एसोसिएशन के मनोज पाटिल (Manoj Patil) भी शामिल हुए।

गोवा में इन आयोजनों का नेतृत्व डीन, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) गोवा, प्रो. डॉ. सुजाता कदम (Prof. Dr. Sujata Kadam) और एसोसिएट डीन प्रो. डॉ. मोहन जोशी (Prof. Dr. Mohan Joshi) ने किया।

प्रो. डॉ. सुजाता कदम ने कहा, “इस उत्सव के माध्यम से AIIA गोवा योग के प्राचीन विज्ञान को वैश्विक स्वास्थ्य, समरसता और समग्र कल्याण के लिए आगे बढ़ाने के अपने संकल्प को दोहराता है।”

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IDY 2025 का सबसे प्रमुख कार्यक्रम “योग संगम” रहा, जिसमें कॉमन योग प्रोटोकॉल (CYP) के अंतर्गत सामूहिक योग सत्र आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम 21 जून 2025 को देशभर के 2 लाख से भी अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित किया गया। इस राष्ट्रीय स्तर के आयोजन का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश से किया।

यह आयोजन न केवल भारत में, बल्कि विश्वभर में योग के प्रति बढ़ती जागरूकता और लोगों के स्वास्थ्य में इसके योगदान को दर्शाता है। योग अब केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन बन चुका है।

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) के प्रयासों ने यह सिद्ध किया कि जब पारंपरिक चिकित्सा पद्धति, आधुनिक विज्ञान और समर्पण एक साथ आते हैं, तो जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा बदलाव संभव है। IDY 2025 के आयोजन में जिस तरह से विभिन्न पीढ़ियों, पृष्ठभूमियों और समुदायों को एक साथ जोड़ा गया, वह योग के समावेशी और सार्वभौमिक स्वरूप को प्रमाणित करता है।

संक्षेप में, IDY 2025 का यह आयोजन एक अद्वितीय उदाहरण है कि किस तरह योग, आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान मिलकर लोगों के जीवन को स्वास्थ्य और संतुलन से भर सकते हैं। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) द्वारा किए गए प्रयास न केवल प्रशंसनीय हैं, बल्कि वे एक प्रेरणा भी हैं कि कैसे हम सभी अपनी संस्कृति और स्वास्थ्य परंपराओं को विश्व मंच पर प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं।