मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक खिलाड़ी की दर्दनाक कहानी सामने आई है। अर्जेंटीना के यूथ ओलंपिक में सिल्वर मेडल देश के नाम करने वाली जूनियर महिला हॉकी टीम की सदस्य रहीं खुशबू खान अब तक झुग्गियों में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। देश के लिए उनके योगदान पर उन्हें पक्के घर का आश्वासन मिला था जो एक साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया।
निगम ने तोड़ा था टॉयलेटः खुशबू कहती हैं, ‘हां, मैं उसी जूनियर महिला हॉकी टीम की सदस्य हूं जिसने अर्जेंटीना के यूथ ओलंपिक में अपने देश का नाम रोशन किया था। अब भारतीय महिला हॉकी टीम में सिलेक्शन की कोशिश कर रही हूं। हमारा शहर देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर है। मेरा दर्द इतना है कि ओडीएफ का तमगा मिलने के बाद भी यहां कई जगह अनदेखी है। मैं और मेरा परिवार आज भी खुले में शौच को मजबूर हैं। एक साल पहले नगर निगम ने मेरे घर के सामने बने टॉयलेट को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया था। इंटरनेशनल खिलाड़ी होने के बावजूद निगम को मुझ पर तरस नहीं आया। निगम का अमला तो मेरा पूरा घर तोड़ने वाला था।’
हर वक्त रहती है चिंताः खुशबू कहती हैं, ‘मैं प्रैक्टिस के लिए हॉकी कैंप में हिस्सा लेने के लिए शहर से बाहर रहती हूं। वहां भी हर वक्त यही चिंता सताती है कि निगम मेरा आशियाना न तोड़ दे। इसलिए कहीं पर मुझे पक्का मकान दिलाया जाए ताकि मैं बेफिक्र होकर प्रैक्टिस कर सकूं।’ इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए भोपाल के महापौर ने कह कि खुशबू को मकान देने का वादा पूरा किया जाएगा। अभी तक मकान क्यों नहीं मिला इसकी भी जांच कराई जाएगी।