उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के लिए यह चुनाव बेहद अहम है। सूत्रों के मुताबिक,
मिशन 2017 के लिए उन्होंने अभी से कमर कस ली है। अगले महीने के अंत से वह लखनऊ में डेरा डाल लेंगे। उन्होंने करीबी नेताओं ने इसके संकेत दे दिए हैं। हाल ही में उन्होंने करीबी नेताओं से कहा कि वे मई से यूपी के सियासी मैदान में डट जाएं।
अमित शाह के रणनीतिकारों को इस बात का पूरा अहसास है कि यूपी बीजेपी के क्षेत्रीय क्षत्रपों को संभालना नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के बूते की बात नहीं है। सूत्र बताते हैं कि असम चुनाव के दौरान प्रदेश के दौरे पर गए अमित शाह ने वहां के प्रभारी महेंद्र सिंह से भी चुनाव खत्म होने के बाद यूपी में मोर्चा संभालने को कहा है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि अमित शाह नए प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को पार्टी नेताओं का समर्थन दिलाने के लिए भी जुटे हैं। वह अमित शाह की रणनीति का अहम हिस्सा हैं। शायद यही कारण रहा कि उनकी नियुक्ति की भनक यूपी प्रभारी ओम माथुर तक को नहीं लगी। अब यह तो वक्त ही बताएगा कि तमाम वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर मौर्य पर खेला गया अमित शाह का दांव कितना सटीक बैठता है। वैसे जिस प्रकार से बीएसपी सुप्रीमो ने नए प्रदेश अध्यक्ष मौर्य पर हमला बोला है, उसे देखकर पार्टी के रणनीतिकार खुश हैं।