दिल्ली में अराजक यातायात और लोगों के लापरवाह रवैये पर इन्फोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि राजधानी के लोग बहुत लापरवाही से काम करते हैं। उनमें ट्रैफिक सेंस नहीं है और वे दूसरों की दिक्कतों की परवाह नहीं करते हैं। मंगलवार को ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) के स्थापना दिवस समारोह में उन्होंने बताया कि राजधानी की यात्रा करना उनके लिए सहज नहीं रहता है। यह एक ऐसा शहर है जहां बहुत ज्यादा अनुशासनहीनता है।
निजी से ज्यादा सार्वजनिक संपत्ति का रखना चाहिए ध्यान
दिल्ली के लोगों के रवैये पर दुख जताते हुए नारायणमूर्ति ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति और जगह का ध्यान अपनी निजी संपत्ति से भी ज्यादा करनी चाहिए। इससे सार्वजनिक शासन में किसी भी तरह की बेईमानी और फरेब से बचा जा सकेगा। दिल्ली में अपनी यात्रा के अनुभव को साझा करते हुए नारायण मूर्ति ने कहा, “कल मैं हवाई अड्डे से आ रहा था, लाल बत्ती पर इतनी सारी कारें, बाइक और स्कूटर बिना कोई परवाह किए यातायात नियम का उल्लंघन कर रहे थे।’’ मूर्ति ने पूछा, ‘‘आगे बढ़ने के लिए अगर एक या दो मिनट का इंतजार तक नहीं कर सकते तो बताइये क्या ये लोग पैसा सामने होने पर रुकेंगे? बिलकुल नहीं।’’
बच्चों को दें बेहतर तौर-तरीकों की जानकारी
उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे बच्चों को बेहतर तौर-तरीकों के बारे में सिखाएं। कहा हमें अपने बच्चों को प्रेरित करना चाहिए कि वे इनका महत्व जानें। इससे उन्हें थोड़ी खुशी दिखेगी, सही रास्ते पर चलने का उन्हें अभ्यस्त बनाएंगे तो वे धीरे-धीरे गलत रास्ते पर चलने की अपनी आदत को छोड़ेंगे और अच्छा बनेंगे। इंफोसिस के संस्थापक ने कहा कि उन्होंने कॉरपोरेट गवर्नेंस का पहला पाठ अपने शिक्षक से सीखा।
इन्फोसिस के संस्थापक ने कहा, ‘‘कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligent) ने सहायक प्रौद्योगिकियों की भूमिका में आकर हमारे जीवन को आसान बनाया है। मेरे खयाल से यह मानना गलत है कि कृत्रिम मेधा इंसानों की जगह ले सकती है, इंसान ऐसा होने नहीं देगा, क्योंकि उनके पास मस्तिष्क की ताकत है। हम जानते हैं कि कोई भी कंप्यूटर बच्चे के दिमाग की बराबरी नहीं कर सकता, कई बार इस बारे में प्रयोग हो भी चुके हैं।’’