इंदौर में एक लखपति भिखारी की खबर सामने आई है। एक NGO का दावा है कि 40 साल की एक महिला ने महज 45 दिन में भीख मांगकर ढाई लाख रुपये कमाए हैं। साथ ही वह महिला अपनी आठ साल की बेटी समेत तीन नाबालिग संतानों को भी भीख में धकेल चुकी है। इंदौर में अपने बच्चों से भीख मंगवाने वाली महिला इंद्रा बाई ने हिरासत में लिए जाने के बाद बताया कि उसके पास एक जमीन का टुकड़ा, एक दो मंजिला घर, एक मोटरसाइकिल, 20,000 रुपये का एक स्मार्टफोन है। साथ ही उसने 6 हफ्ते में 2.5 लाख रुपये इकट्ठा किए हैं।

इंद्रा पर भीख मांगने और अपने बच्चों को इस अपराध के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया गया और सोमवार को रिमांड पर जेल भेज दिया गया। उसकी एक बेटी को एक एनजीओ की देखभाल में रखा गया है। भीख मांगने के दौरान पकड़े जाने के बाद इंद्रा ने उग्र बर्ताव किया और NGO की एक महिला कार्यकर्ता से विवाद किया। इंद्रा ने कहा, ‘भूख से मरने के बजाय, हमने भीख मांगना चुना। यह चोरी करने से बेहतर है।’

45 दिन में भीख मांगकर कमाए 2.5 लाख

प्रशासन के साथ मिलकर इंदौर को भिक्षुकमुक्त शहर बनाने की दिशा में काम करने वाले संगठन ‘प्रवेश’ की अध्यक्ष रूपाली जैन ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा को बताया, ‘हमने इंदौर-उज्जैन रोड के लव-कुश चौराहे पर इंद्रा बाई (40) को हाल में भीख मांगते पकड़ा। हमें उसके पास से 19,200 रुपये की नकदी मिली।’’ जैन के मुताबिक, इंद्रा ने उन्हें बताया कि उसने पिछले 45 दिन में भीख मांगकर ढाई लाख रुपये कमाए जिनमें से एक लाख रुपये उसने अपने सास-ससुर को भेज दिए, 50,000 रुपये बैंक खाते में जमा किए और 50,000 रुपये एफडी में निवेश किए।

पति के लिए खरीदी बाइक

रूपाली जैन ने दावा किया कि इंदौर में पेशेवर तौर पर भीख मांगने वाले 150 लोगों के समूह में शामिल महिला के परिवार की राजस्थान में जमीन और दो मंजिला मकान भी है। जैन ने कहा,‘‘इंद्रा के नाम से उसके पति ने मोटरसाइकिल खरीदी है। भीख मांगने के बाद वह और उसका पति इसी मोटरसाइकिल पर बैठकर शहर में घूमते हैं।’’

गैर सरकारी संगठन की प्रमुख के मुताबिक, महिला का कहना है कि उज्जैन में महाकाल लोक गलियारा बनने के बाद भीख मांगने से उसके परिवार की कमाई बढ़ गई है क्योंकि धार्मिक नगरी की ओर जाने वाले ज्यादातर श्रद्धालुओं की गाड़ियां इंदौर के लव-कुश चौराहे के यातायात सिग्नल पर रुकती हैं।

इंद्रा बाई के पांच बच्चों में से दो बच्चे राजस्थान में हैं

जैन ने कहा कि इंद्रा बाई के पांच बच्चों में से दो बच्चे राजस्थान में हैं और वह तीन बच्चों के साथ इंदौर में भीख मांग रही थी। उन्होंने बताया कि अपने परिवार द्वारा भिक्षावृत्ति में धकेले गए इन बच्चों में शामिल आठ साल की लड़की को बाल कल्याण समिति की निगरानी में रखा गया है। जैन ने कहा कि महिला के दो लड़के भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल को देखकर भाग गए जिनकी उम्र नौ वर्ष और 10 वर्ष है।

बाणगंगा थाने के उप निरीक्षक ईश्वरचंद्र राठौड़ ने बताया कि भीख मांगने के दौरान पकड़े जाने के बाद इंद्रा ने कथित तौर पर उग्र बर्ताव किया और गैर सरकारी संगठन की एक महिला कार्यकर्ता से विवाद किया। उन्होंने बताया कि 40 वर्षीय महिला को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया। उप निरीक्षक ने बताया कि महिला को एसीपी की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया गया।

इंदौर के जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बताया,‘‘हमने शहर में भिक्षावृत्ति में धकेले गए सभी बच्चों को बचाने का लक्ष्य तय किया है। अब तक ऐसे 10 बच्चों को बचाकर शासकीय बाल गृह भेजा गया है।’’ उन्होंने बताया कि बच्चों से भीख मंगवाने वाले गिरोहों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।