2019 तक पूर्ण स्वच्छता हासिल करने की दिशा में और एक कदम आगे बढ़ाते हुए केंद्र ने सभी राज्यों व संघ शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि रेलवे की जमीन को खुले में शौच से मुक्त किया जाए। कैबिनेट सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक संबद्ध अधिकारियों के संज्ञान में यह बात लाई गई है कि जहां नगर निगम के अधिकारी ऐसे इलाकों में नगर के ठोस अपशिष्ट के संग्रह के लिए सुविधाएं लाने और ऐसे इलाकों में अनाधिकृत रूप से रह रहे लोगों के लिए सार्वजनिक या सामुदायिक शौचालय स्थापित करने के इच्छुक हैं, रेलवे के अधिकारियों से इसके लिए अनुमति नहीं मिल रही है।

केंद्र ने हाल ही में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर उन्हें सभी शहरी नगर निकायों या स्थानीय प्राधिकरणों को रेलवे अधिकारियों के साथ परामर्श कर एक कार्य योजना तैयार करने को कहने का निर्देश दिया है। ताकि रेलवे के स्वामित्व वाले इलाकों और पूरे शहर या कस्बे को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा सके। खुले में शौच की समस्या पर सरकार में उच्चतम स्तर पर चर्चा की गई है और इसे रोकने के लिए केंद्र और राज्य दोनों ही काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 2019 तक पूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य हासिल करने के लिए 2 अक्तूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया गया था।