प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रेल से कहा है कि वह रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का काम तेज करे और इस संबंध में अपनी महत्वकांक्षा के स्तर को अच्छी खासी ऊंचाई पर ले जाए। मोदी ने सोमवार को यहां एक बैठक में रेलवे के काम काज की समीक्षा की। इस बैठक में सड़क व राजमार्ग मंत्रालय के काम की भी समीक्षा की गई। मोदी ने राजमार्ग विकास में और अधिक निजी निवेश को प्रोत्साहित किए जाने पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सड़क विकास के लिए क्षेत्र में देशभर में मौजूद विभिन्न मॉडलों का अध्ययन कर उनमें सर्वश्रेष्ठ तरीकों अपनाए जाने का आह्वान किया।

मोदी ने राजमार्गों के महत्वपूर्ण खंडों को जाम की समस्या से मुक्त किए जाने और टोल संग्रह के लिए नवीनतम तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा में कि रेलवे क्षेत्र की समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि इस क्षेत्र में वित्त वर्ष 2015-16 में पूंजीगत निवेश 93,000 करोड़ रुपए से ऊपर हुआ। जो पूर्व वित्त वर्ष के मुकाबले 65 फीसद अधिक है और अब तक का सबसे अधिक निवेश है।

बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशनों के तेज पुनर्विकास की जरूरत पर बल दिया और इस संबंध में रेलवे से अपने लक्ष्य के स्तर को बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने रेलवे द्वारा उसके बुनियादी ढांचे को उन्नत और विविध बनाने की जरूरत पर भी बल दिया। मोदी ने बाद में ट्वीट किया- केंद्र सरकार रेलवे के बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने पर काम कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में इससे कौशल विकास को बल मिलेगा और रेलवे की गैर-किराया आय बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा- नई रेलवे लाइनों के निर्माण और लाइनों के विद्युतीकरण के काम में प्रगति काबिलेतारीफ है। स्टेशनों के पुनर्विकास के काम में तेज लाने के बारे में बातचीत की। वित्त वर्ष 2015-16 में 1780 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन चालू की गईं और 1730 किलोमीटर लंबी लाइनों का विद्युतीकरण किया गया। यह रेलवे के इतिहास में अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है।

मोदी ने ट्वीट में कहा- जहां तक सड़क क्षेत्र की बात है, राजमार्गों का निर्माण उल्लेखनीय गति से चल रहा है। इस क्षेत्र में और अधिक निजी निवेश के लिए कहा है। राजमार्गों और सड़कों के महत्वपूर्ण स्थानों को जाम रहित बनाने और नवीनतम तकनीक का प्रयोग करने के लिए भी कहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि बैठक में मोदी को अवगत कराया गया कि वित्त वर्ष 2015-16 में 6,000 किलोमीटर लंबे राजमार्गों का निर्माण पूरा कर लिया गया जबकि इसी अवधि में 10,098 किलोमीटर के राजमार्गों का ठेका जारी कर दिया गया है।

मोदी ने देशभर में सड़क विकास के विभिन्न मॉडलों के अध्ययन की जरूरत पर बल देते हुए सर्वश्रेष्ठ माडल को अपनाने के लिए कहा। जिससे कि राजमार्ग निर्माण क्षेत्र में और ज्यादा निजी निवेशकों को लाया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने चुंगी कर संग्रह के लिए नवीनतम तकनीक अपनाने की भी बात कही।