पहली बार सीनियर नेशनल हॉकी चैंपियनशिप में शिरकत कश्मीर की बेटी इनायत फारूक ने इतिहास रच दिया। भारत और जम्मू-कश्मीर हॉकी एसोसिएशन की तरफ से आयोजित टूर्नामेंट में खेलने वाली इनायत बड़गाम जिले की चंडूरा तहसील की रहने वाली है। वो श्रीनगर से सरकारी कॉलेज में फाइनल ईयर की छात्रा है। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली यह लड़की अशांति से जूझ रहे कश्मीर के बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत है।
इनायत ने एएनआई से बातचीत में कहा, ‘कॉलेज से पहले मुझे खेलने का कम ही मौका मिल पाता था। जब मैं कॉलेज में आई तो अलग-अलग तरह के गेम्स खेले। मुझे यहीं से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। मैंने कॉलेज में हॉकी खेलना शुरू किया। इससे पहले मैं यह भी नहीं जानती थी कि ऐसा कोई खेल होता है। मुझे यहां के डिविजनल स्पोर्ट्स ऑफिसर और कोच ने सपोर्ट किया। मैंने सबकुछ यहीं पर सीखा। इसी से मुझे नेशनल ट्रायल में क्वालीफाई करने में सफलता मिली। इससे पहले मैं कभी घर से दूर नहीं रही। मेरा परिवार भी इसके खिलाफ था लेकिन बाद में कोच ने उन्हें मनाया।’

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इन्फ्रास्ट्रक्चर के अभाव में इनायत नियमित अभ्यास भी नहीं कर पा रही है। तमाम मुश्किलों के बावजूद उसने कड़ी मेहनत की और खुद को साबित किया और 20 साल बाद कश्मीर घाटी से सीनियर नेशनल हॉकी चैंपियनशिप तक पहुंचने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी है। इनायत ने कहा, ‘जब पहली बार नेशनल खेलने के लिए बेंगलुरु पहुंची तो लग गया कि मुझे काफी मेहनत की जरूरत है। मैंने खुद से आगे बढ़ने का वादा किया। इसके बाद मैंने पटियाला में नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टिट्यूट ज्वॉइन किया। वहां मैंने हेल्थ-फिटनेस का सर्टिफिकेट कोर्स किया।’
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भविष्य को लेकर उम्मीदों से लबरेज इनायत ने कहा, ‘मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती हूं। फिलहाल मैं एक प्राइवेट स्कूल में ट्रेनिंग भी देती हूं, क्योंकि मैं इस खेल को बढ़ावा देना चाहती हूं।’