राजस्थान में पिछले 15 साल से एक परंपरा बन गई है कि जिस भी दल की राज्य में सत्ता होती है, उसे ही लोकसभा की ज्यादा सीटें मिलती है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के करीब छह महीने बाद ही लोकसभा चुनाव होते हैं। इस नाते विधानसभा चुनाव का असर भी लोकसभा पर पड़ता है। राजस्थान में वर्ष 2004 के बाद से ही उसी पार्टी को लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मिलती है, जिसकी राज्य में सरकार होती है। प्रदेश में 1984 में कांग्रेस ने सभी 25 सीटें जीतीं थी तो भाजपा ने 2014 में सभी 25 सीटें जीत ली थी। प्रदेश में सत्ता भी एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा के खाते में जाने की परंपरा बनी हुई है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के छह महीने बाद ही लोकसभा चुनाव होते है।
प्रदेश में 2003 के विधानसभा चुनाव में 200 में से भाजपा को 120 और कांग्रेस को 58 सीटें मिली थी। इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में 25 में से 21 सीटें भाजपा की झोली में गई थीं और कांग्रेस को 4 सीटें मिली थी। प्रदेश में 2008 के विधानसभा चुनाव में सरकार कांग्रेस की बन गई। इस चुनाव में कांग्रेस को 96 और भाजपा को 76 सीटें मिली थी। कांग्रेस ने बसपा के छह विधायकों को अपने साथ कर सरकार बनाई थी। इसके ठीक छह महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 20 और भाजपा को 4 सीटें मिली थी व एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 163 सीटें तो कांग्रेस सिर्फ 21 पर सिमट गई थी। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 25 सीटें जीत कर कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था। प्रदेश में दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दो सौ में से 100 सीटें मिली है तो भाजपा को 73 सीटें मिली है। दोनों दलों में मतों का अंतर सिर्फ आधा प्रतिशत ही है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों की परंपरा अलग बात है पर कांग्रेस सरकार ने अपने छह महीने के कार्यकाल में ही इतने काम कर दिए कि जनता उस पर भरोसा करती है। कांग्रेस की सरकार जनता के भरोसे पर पूरी तरह से खरी उतर रही है। इस नाते उन्हें पूरी उम्मीद है कि जनता लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को ज्यादा सीटें देगी। सरकार ने किसानों की कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता, निशुल्क दवा और जांच योजना के साथ ही कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कर दी है।
-अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री
इस बार जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। देश में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनना तय है। इसमें राजस्थान की बड़ी भागीदारी होगी और प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीत दर्ज कराएंगे।
– सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
भाजपा प्रदेश की सभी 25 सीटें जीतने के लक्ष्य को लेकर मैदान में उतर रही है। देश की जनता एक बार फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहती है।
-मदनलाल सैनी , प्रदेश भाजपा अध्यक्ष