भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केरल के एक सहयोगी पार्टी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की दिल्ली में सोमवार (10 अप्रैल) को हुई बैठक में “बीफ विवाद” पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी को ऐसे विवादों से दूर रहना चाहिए और इसकी जगह कमजोर और हाशिए पर धकेले जा चुके समाज के लिए काम करने पर ध्यान देना चाहिए। वहीं पार्टी के गोवा के एक सहयोगी दल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों के आसपास शराब बिक्री पर रोक को लेकर चिंता जाहिर की। इस नेता ने बैठक में गोवा में रात 10 बजे के बाद संगीत बजाने पर पाबंदी का भी मुद्दा उठाया।
पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा और उसके सहयोगी दलों की पहली विस्तृत बैठक में केरल के आदिवासी नेता सीके जानू ने कहा कि सरकार की ऊर्जा दलितों, आदिवासियों और वंचित वर्ग के विकास में लगनी चाहिए न कि “बीफ जैसे विवादित मुद्दे उठाने पर।” जानू राजनीतिक दल ओरू विकासन मुन्नानी के प्रमुख हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने जानू से संपर्क करने की बहुत कोशिश की लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में भाजपा के सहयोगी और केरल कांग्रेस (टी) के प्रमुख पीसी थॉमस ने इस बात की पुष्टि की कि जानू ने एनडीए की बैठक में बीफ का मुद्दा उठाया था। जानू की बात का मलयालम से अनुवाद थॉमस ने ही किया था। हालांकि थॉमस ने जानू के बयान के कथित विवादित हिस्से पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। थॉमस ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि कोई सरकार बस इसलिए गोहत्या पर रोक नहीं लगा सकती कि ये संविदान के डायरेक्टिव प्रिसिंपल में है। थॉमस ने कहा, “संविधान निर्माताओं ने गाय का मुद्दा राज्य सरकारों पर छोड़ दिया था क्योंकि वो स्थानीय जरूरतों और संवेदनशीलता से ज्यादा अच्छी तरह वाकिफ होती हैं। हर समुदाय और परंपरा का सम्मान होना चाहिए और ऐसा कोई फैसला नहीं थोपा जाना चाहिए।”
वहीं हाल ही बनी गोवा सरकार के अंग और भाजपा के साझीदार गोवा फारवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई ने बैठक में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईवे पर शराबबंदी और राज्य में रात 10 बजे के बाद संगीत बजाने पर रोक का मुद्दा उठाया। सरदेसाई ने बैठक में कहा कि इन फैसलों से गोवा में लोगों की रोजगार पर असर हो रहा है। सरदेसाई ने कहा कि गोवावासी अपनी अलग पहचान, संस्कृति और परंपरा को भी बनाए रखना चाहते हैं। सरदेसाई ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि राज्यों को अपनी परंपरा के अनुरूप नियम बनाने की छूट मिलनी चाहिए ताकि गोवावासी अपनी संस्कृति को बचाए रख सकें।”
सूत्रों के अनुसार पूर्वोत्तर भारत के कई राजनीतिक दलों ने भी पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से नीतिगत फैसलों के दौरान “आदिवासी समुदायों की संवेदनशीलता” को ध्यान में रखने की अपील की। थॉमस के अनुसार पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि उन्होंने सहयोगी दलों द्वारा उठाए गए सारे मुद्दे “नोट” कर लिए हैं। पीएम मोदी ने सभी पार्टियों से 2022 में देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक “न्यू इंडिया” बनाने की अपील की।