यूपी विधान परिषद में MLC नहीं बनाए जाने पर इमरान मसूद का दर्द का छलक आया। उन्होंने कहा कि ये सब मुकद्दर का खेल है। इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता। हमारा काम है ईमानदारी के साथ अपने काम को करना। उस काम को हम ईमानदारी से कर रहे हैं।

यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इमरान मसूद कांग्रेस का हाथ छोड़कर समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो गए थे। तब ऐसा माना जा रहा है कि सपा उन्हें विधानसभा का टिकट देगी, लेकिन तब उन्हें निराशा हाथ लगी। विधानसभा चुनावों में टिकट न मिलने से उनकी नाराजगी की भी खबरें आई थीं। हालांकि बाद में उन्होंने साफ किया था कि वह सपा में ही बने रहेंगे।

वहीं इमरान मसूद को सपा से एक बार फिर झटका लगा है। विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी की लिस्ट से इमरान मसूद का नाम कट गया है। बता दें, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े मुस्लिम नेता में इमरान मसूद का नाम गिना जाता है।

2002 से ही इमरान मसूद हर विधानसभा का चुनाव लड़ते रहे हैं। 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव वे कांग्रेस के टिकट पर लड़े, लेकिन दोनों बार हार गए। मोदी की बोटी-बोटी काट डालूंगा, यह बयान देकर इमरान मसूद काफी विवादों में रहे।

समाजवादी पार्टी ने एमएलसी के लिए जिन चार लोगों को टिकट दिया है, उनमें से दो चेहरे तो मुस्लिम हैं, लेकिन इमरान मसूद के हिस्से सिर्फ़ इंतजार ही आया। समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आजम खान की जिद पर उनके समर्थक सरफराज अहमद के बेटे शाहनवाज़ को टिकट मिल गया।

बता दें , उत्तर प्रदेश में कुल 100 विधान परिषद सीटें हैं। 13 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल 6 जुलाई को खत्म हो रहा। ऐसे में इन 13 एमएलसी सीटों पर 20 जून को चुनाव होने हैं, जिसके लिए नामांकन 2 से 9 जून तक होगा। 10 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 13 जून तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकेंगे। 20 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा और शाम 5 बजे से मतगणना होगी। इस तरह नतीजे 20 जून को घोषित कर दिए जाएंगे। 

कानपुर हिंसा पर इमरान मसूद ने कहा कि कुछ लोगों को मकसद होता है कि किसी तरह से माहौल को खराब किया जाए। उन्होंने हम अपने जिले में किसी भी सूरत में माहौल को खराब नहीं होने देंगे।