Allahabad High Court : भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) के निदेशक डॉ. आलोक कुमार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से कुछ अरसा पहले एक खुशखबरी मिली थी। उन्हें निदेशक पद पर 65 साल तक काम करने की अनुमति अदालत ने दे दी थी। लेकिन कुछ लोगों को ये फैसला रास नहीं आया और वो फिर से हाईकोर्ट पहुंच गए। डबल बेंच ने मामले कि सुनवाई करके निदेशक को तगड़ा झटका दे दिया। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसमें आलोक कुमार को अनुमति दे दी गयी थी।

क्या था मामला ?

इलाहाबाद हाईकोर्ट एक खंडपीठ ने एक न्यायाधीश के 24 अक्टूबर, 2022 के उस आदेश को दरकिनार कर दिया है जिसमें डॉ. आलोक कुमार को भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी), भदोही के निदेशक के रूप में 65 वर्ष की उम्र पूरी होने तक काम करने की अनुमति दी गयी थी। थी।

गौरतलब है कि जब इस मामले में आलोक कुमार को सिंगल बेंच से राहत मिली थी तब विकास आयुक्त एवं कुछ अन्य लोगों द्वारा अदालत के सामने एक विशेष अपील की गयी थी। जिसमें कहा गया था कि डॉ. आलोक कुमार ने प्रोफेसर के तौर पर काम करते हुए आईआईसीटी के निदेशक पद के लिए आवेदन किया और उनका चयन और नियुक्ति तीन वर्ष के लिए विशुद्ध रूप से अस्थायी आधार पर की गई थी। विकास आयुक्त ने कहा कि उन्होंने बिना किसी शर्त के नियुक्ति के नियम स्वीकार किए थे। अब उन्हें यह राहत किस आधार पर दी जा रही है ?

इस याचिका को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने कहा, “मौजूदा मामले में चिकित्सक आलोक कुमार ने अपनी नियुक्ति के उस नियम को स्वीकार करने के बाद आईआईसीटी के निदेशक का पदभार संभाला था कि वह 60 वर्ष की उम्र पूरी होने तक काम करते रहेंगे।” अदालत ने कहा कि इसे अपनी मर्जी से नहीं तय किया जा सकता, इसका अर्थ है कि एक व्यक्ति को या तो पूरा अनुबंध स्वीकार करना होगा या पूरी चीजें खारिज करनी होंगी।

65 वर्ष तक काम करना चाहते थे डॉ. आलोक कुमार

यूपी टेक्सटाइल टेक्नोलाजी इंस्टीट्यूट, कानपुर में प्रोफेसर डॉ. आलोक कुमार को 15 नवंबर, 2018 के आदेश के तहत आईआईसीटी का निदेशक नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति तीन वर्ष के लिए या 60 वर्ष की उम्र पूरी होने तक, जो भी पहले हो, के लिए थी। उन्होंने नियुक्ति की शर्तों को स्वीकार करते हुए पद ग्रहण किया और तीन साल पूरा होने तक काम किया।

इसके बाद, एक अप्रैल, 2022 के आदेश के तहत उन्हें छह माह (30 सितंबर, 2022 तक के लिए) का सेवा विस्तार दिया गया। इससे पहले निदेशक पद पर चयन के लिए 19 अगस्त, 2022 को एक विज्ञापन जारी किया गया। डॉ. आलोक कुमार ने इस विज्ञापन को चुनौती देते हुए अदालत से इसे रद्द करने और सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष तक काम करते रहने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। इसके बाद सिंगल बैंच ने उस विज्ञापन को खारिज दिया था। जिसके खिलाफ विकास आयुक्त एवं अन्य द्वारा एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ इस आधार पर अपील की गयी थी।