‘अगर आप हमारे साथ सहयोग नहीं करोगे और हमें पचास फीसदी बेड नहीं दोगे तो हम बिजली और पानी की सप्लाई काट देंगे।’ कर्नाटक सरकार में शहरी विकास मंत्री बृती बसवराज को ये बात हाल ही में मणिपाल हॉस्पिटल (व्हाइटफील्ड) के सीईओ अरनब मंडल को कहते हुए देखा गया है। बसवराज व्हाइटफील्ड-महादेवपुर जोन के प्रभारी भी हैं। इस बीच हॉस्पिटल के कर्मचारी मंत्री को यह समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वो पचास फीसदी बेड नहीं दे सकते हैं। मामले में जब एक अंग्रेजी अखबार ने हॉस्पिटल का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

दरअसल प्रदेश की राजधानी बेंगलुरु में जैसे-जैसे कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे प्रशासन पर हॉस्पिटल में बेड मुहैया कराने का दबाव बढ़ता जा रहा है। कोविड-19 के गंभीर मरीजों के लिए बेड की सुविधा के लिए राज्य सरकार बहुत कोशिश कर रही है। हर जोन में कोरोना मरीजों के लिए निजी हॉस्पिटलों में बेड की कमी है और संक्रमण के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। इसलिए प्रत्येक क्षेत्र के प्रभारी दबाव में हैं।

दरअसल प्रदेश के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बेंगलुरु जोनल प्रभारी मंत्रियों के साथ बैठकों में हमेशा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रर्याप्त से बेड होने पर जोर दिया है।

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अंग्रेजी अखबार न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने हॉस्पिटल सूत्रों के हवाले से बताया कि मणिपाल के पास मल्लेश्वरम में 100 बिस्तरों की सुविधा है, जो उन्होंने कोविड-19 के लिए विशेष रूप से निर्धारित की है। उन्होंने बताया कि संक्रमण के जोखिम के कारण कोविड और सामान्य रोगियों को एक ही हॉस्पिटल में भर्ती नहीं किया जा सकता है। हालांकि अगर एक अलग विंग या इमारत तो ऐसा संभव है।

बता दें कि देश में कोरोना वायरस महामारी तेजी से फैल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार (28 जुलाई, 2020) को बताया कि देश में एक दिन में कोविड-19 के 47,703 नए मामले आए हैं और 654 लोगों की मौत हो गई। नए मामलों के साथ देश में अब संक्रमण के मामले बढ़कर 14,83,156 हो गए। वहीं कलु 33,425 लोगों की मौत हो चुकी है।