SP Leader Indrajeet Saroj Remarks: समाजवादी पार्टी नेता और मंझनपुर विधायक इंद्रजीत सरोज ने मंदिरों की भूमिका और प्राचीन ग्रंथों में कथित जाति-आधारित भेदभाव के बारे में टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया है। सरोज ने कहा कि अगर भारत के मंदिरों में शक्ति होती, तो मुहम्मद-बिन-कासिम नहीं आता, महमूद गजनवी नहीं आता और मुहम्मद गौरी इस देश को लूटने नहीं आता। इसका मतलब है कि मंदिरों में कोई शक्ति नहीं थी।

अंबेडकर जयंती पर समाजवादी पार्टी की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए सरोज ने कहा, ‘तुलसीदास ने तथाकथित ‘नकली हिंदुओं’ के खिलाफ बहुत कुछ लिखा, लेकिन मुसलमनों के लिए भला-बुरा क्यों नहीं लिखा। मुसलमानों के विषय में भी तो भला-बुरा लिखना चाहिए। तुलसीदास की हिम्मत नहीं पड़ी अकबर के समय में लिखने की। हम नकली हिंदुओं के लिए तो भर-भर के गाली दीं। इसी को हम लोग पढ़ते रहते हैं।

मुसलमानों को श्राप देना चाहिए था – सपा विधायक

समाजवादी पार्टी के नेता ने आगे कहा, ‘712 ई में मुहम्मद बिन कासिम अरब से आया और इस जमीन को लूटा। मुहम्मद गौरी भी लूटने के लिए यहां आया था। तो इस देश के देवी-देवताओं ने क्या किया? उन्हें मुसलमानों को श्राप देना चाहिए था। उन्हें राख हो जाना चाहिए था, मर जाना चाहिए था या अंधे हो जाना चाहिए था। इसका मतलब है कि उनकी शक्तियों में कुछ कमी थी।’

सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने फिर दिया विवादित बयान

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सपा नेता इंद्रजीत सरोज ने ये भी कहा कि पहले के समय शूद्रों को सार्वजनिक रास्तों से चलने की भी अनुमति नहीं थी। जो चलता, उसे अपने गले में हंड़िया बांधनी पड़ती थी। इंद्रजीत सरोज ने कहा कि अगर ये कहानी लगती है, तो अभी ज्योतिबा राव फूले के बारे में फिल्म रिलीज हुई है, उसे देख लेना। इंद्रजीत सरोज ने ये भी कहा कि राम का नारा लगाने से कुछ नहीं होगा। जय भीम का नारा लगाइए, तो आप आगे बढ़ेंगे।

मायावती पर भी साधा निशाना

सरोज ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। हम बड़े पैमाने पर अन्याय और अत्याचार देख रहे हैं। सरोज ने दावा किया कि मायावती ने भारतीय जनता पार्टी के सामने सरेंडर कर दिया है। अब वह बीजेपी की सहयोगी मात्र रह गई हैं। आज बहुजन समाज पार्टी ‘बहुजनों’ के लिए नहीं बोलती। ना ही उनकी बात करती है ना ही उनकी सुध लेने का काम करती है। रामजीलाल सुमन के समर्थन में उतरे अखिलेश